बांसवाड़ा. कोरोना को लेकर बांसवाड़ा जिले की स्थिति खतरनाक होती दिख रही है. हालात ये हैं कि पहले के 4 महीने के मुकाबले मरीजों की संख्या अब 7 गुना बढ़कर 14 सौ पार हो गई. इनमें से 40% से अधिक बांसवाड़ा शहर और आसपास के इलाकों के मरीज हैं. धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों को भी वायरस अपनी चपेट में ले रहा है. खासकर कुशलगढ़ में वायरस का प्रकोप फिर से बढ़ रहा है. नए इलाकों में भी मरीज पाए जा रहे हैं. आंकड़ों को देखें तो स्थिति और भी भयावह नजर आ रही है. संक्रमण की दर प्रदेश के औसत आंकड़ों 3.79 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है.
ईटीवी भारत की ओर से चिकित्सा विभाग के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया तो हालात बदतर नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत ने अलग-अलग समयांतराल के आंकड़े भी जुटाए. आंकड़े बताते हैं कि 19 मार्च से 31 जुलाई तक 200 सैंपल में से एक व्यक्ति पॉजिटिव आ रहा था लेकिन इसके बाद संक्रमण की गति कई गुना बढ़ गई है. चिकित्सा विभाग के जिम्मेदारों का कहना है अनलॉक के बाद वायरस के संक्रमण को लेकर लोग बेफिक्र होते जा रहे हैं. इससे भविष्य में संक्रमण की रफ्तार और भी बढ़ने की आशंका है. आज हालत यह है कि अकेले बांसवाड़ा शहर में ही लगभग डेढ़ सौ से अधिक गली-मोहल्ले कंटेंनमेंट जोन के दायरे में आ चुके हैं. मतलब ज्यादतर मोहल्ले में धारा 144 लग गई है.
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि 19 मार्च से 31 जुलाई तक 12588 लोगों के सैंपल लिए गए जिनमें से 210 पॉजिटिव पाए गए. इस अवधि में हर 200 में से एक व्यक्ति संक्रमित निकला. इसके बाद अनलॉक का दौर शुरू हुआ तो अपेक्षाकृत लोग लापरवाह हो गए. नतीजा ये निकला कि इसके बाद वायरस ने तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगस्त महीने में 3467 सैंपल में से 415 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई अर्थात हर 100 सैंपल में से 8.35 लोग संक्रमण का शिकार हो गए.