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बांसवाड़ा : ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर अब राशन और खाद बीज के साथ ई-मित्र की सुविधा - राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

बांसवाड़ा में सहकारिता विभाग ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर नई सुविधाएं शुरू होंगी. वहीं, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशकों को सभी सहकारी समितियों पर आईटी इन्फ्राट्रक्चर से सुसज्जित ई-मित्र स्थापित करने को कहा गया है.

बांसवाड़ा की खबर, Central Co-Operative Bank

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Published : Sep 29, 2019, 7:08 PM IST

बांसवाड़ा. प्रदेश में सहकारिता विभाग, ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर एक नई सुविधा शुरू करने जा रहा है. अब तक समितियों पर राशन और खाद बीज वितरण होता रहा है लेकिन अगले कुछ दिनों में ग्रामीण लोगों को समितियों पर ई-मित्र की सुविधा उपलब्ध होने लगेगी.

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशकों को सभी सहकारी समितियों पर आईटी इन्फ्राट्रक्चर से सुसज्जित ई-मित्र स्थापित करने को कहा गया है. शीर्ष बैंक प्रतिदिन जिलेवार कितनी समितियां ई-मित्र में तब्दील हो गई है इस बारे में विभाग को रिपोर्ट करेंगे.

शुरू होगी ई-मित्र सुविधा

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जिले में वर्तमान में 195 लैंप्स लार्ज एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसाइटी कार्यरत है. जिन्होंने ई-मित्र का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिमेष पुरोहित के अनुसार सरकार के आदेश अनुसार सभी ग्राम सहकारी समितियों को 2 अक्टूबर को होने वाली आम सभा में ई-मित्र का प्रस्ताव पारित करने के निर्देश दिए गए हैं. समिति पर ईमित्र की फैसिलिटी शुरू होने से समितियों के काम-काज में गति आएगी. वहीं, लोगों को घर बैठे कई प्रकार के दस्तावेज बनाने की एसिडिटी उपलब्ध हो सकेगी.

बता दें कि राज्य में लगभग 1500 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियां है. फिलहाल इनमें से 1851 समितियां ई-मित्र का काम कर रही है. यह प्रयोग सफल होने के बाद सहकारिता विभाग की ओर से सभी समितियों पर यह सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया. विभाग अब 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी 150 वीं जयंती पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर विशेष आम सभा करने जा रहा है.

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इस दौरान समितियों पर ई-मित्र की फैसिलिटी उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा. पता चला है कि समितियों की ओर से रूचि नहीं दिखाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में निजी मित्र केंद्र अस्तित्व में आ गए. निजी ई-मित्र केंद्रों पर मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है. ग्रामीण लोगों को इस शोषण से बचाने के लिए विभाग की ओर से सभी समितियों को ई-मित्र से कनेक्ट किया जा रहा है.

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