बांसवाड़ा.जिले में GST चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. बांसवाड़ा से लेकर कोटा तक की कई फर्मों के फर्जी बिल लगाकर सरकार को करीब 52 लाख रुपए की चपत लगाई गई है. इस फर्जीवाड़े को किस प्रकार अंजाम दिया गया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर की एक फर्म ने न तो कोई सोयाबीन खरीदा और ना ही किसी को बेचा.
लेकिन फर्जी बिलों के जरिए 100 ट्रक की कोटा से बांसवाड़ा तक की एंट्री दिखाई गई. गनीमत रही कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद फरवरी में शहर की गणपति ट्रेडिंग नामक फर्म वाणिज्य कर विभाग के रडार पर आ गई. जांच के दौरान जब फर्जीवाड़े की परत खुलती गई तो अधिकारी भी दंग रह गए.
टैक्स चोरी का मामला लाखों रुपए का है. अब तक की जांच में 52 लाख रुपए की टैक्स चोरी सामने आने के बाद वाणिज्य कर विभाग ने पेनल्टी सहित फर्म को करीब 1 करोड़ 17 लाख का नोटिस भेजा है. जिस प्रकार से कोटा की कई व्यापारिक संस्थाओं का नाम सामने आ रहा है, विस्तृत जांच में टैक्स चोरी का मामला करोड़ों तक पहुंच सकता है. प्रदेश में सोयाबीन खरीद टैक्स चोरी का यह सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है.
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टैक्स चोरी के तार वागड़ तक
मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों से पता चला है कि फर्जी तरीके से अलग-अलग फर्मों से खरीद बताकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के इस रैकेट को कोटा से संचालित किया जा रहा है, जो जीएसटी नियमों की आड़ में टैक्स चोरी कर सरकार को चपत लगा रहे हैं.