बांसवाड़ा. विधानसभा चुनावों में दो सीटें जीतकर चर्चा में आई प्रदेश के आदीवासी क्षेत्र की नई पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को लेकर कांग्रेस ही नहीं भाजपा भी खौफजदा है. पार्टी के शक्ति केंद्र प्रमुख और अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं की बुधवार को यहां हुई बैठक में बीटीपी के तेजी से बढ़ते कदमों पर पार्टी नेताओं ने चिंता जताई है.
वीडियोः बैठक को संबोधित करते भाजपा नेता भाजपा नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से सावधान रहने को कहा है. साथ ही क्षेत्र में जनता को बीटीपी के जातिवाद फैलाने से आगामी समय में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराने की बात कही गई. इस दौरान वक्ताओं ने बीटीपी के उभार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. आगामी लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है.
बैठक के मुख्य अतिथि विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया थे लेकिन जयपुर में आवश्यक बैठक के कारण वे बांसवाड़ा नहीं पहुंच पाए. दोपहर 2:00 बजे बाद शुरू हुई बैठक में चुनावी तैयारियों की बजाए क्षेत्र में तेजी से पैर पसार रही भारतीय ट्राइबल पार्टी पर ज्यादा चर्चा दिखाई दी. हर वक्ता ने चुनावी तैयारियों के साथ बीटीपी को भी अपने भाषण के केंद्र बिंदु में रखा.
डूंगरपुर के जिला प्रमुख माधव बराहत, पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कनक मल कटारा, युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मुकेश रावत, युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर पटेल, विजयलक्ष्मी श्रीमाली, पूर्व मंत्री भवानी जोशी, लोकसभा संयोजक ओम पालीवाल आदि ने कार्यकर्ताओं से कार्यकर्ताओं से बूथ और शक्ति केंद्र पर मजबूती से काम करने का हवन करते हुए कहा कि बीटीपी से डरने की जरूरत नहीं है.
बीटीपी के लोग क्षेत्र में जातिवाद का जहर फैला रहे हैं जिससे लोगों को सावधान करना होगा. कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन हितेषी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और कार्य योजना बनाकर मतदान के दिन अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाकर पार्टी के पक्ष में मतदान करवाने का आह्वान किया गया. वक्ताओं में कई लोकसभा चुनाव मैं पार्टी के उम्मीदवार थे जिन्होंने कहा कि टिकट किसी को भी मिले हम सबको एक साथ काम कर मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना होगा. बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता थे जिन्होंने हाथ खड़े कर पार्टी के लिए तन मन धन से जुटने का विश्वास दिलाया.