बांसवाड़ा. अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का भक्तों ने विसर्जन किया. इस दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से ना कोई जुलूस निकला और ना ही ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई. हर गली मोहल्ले से गणपति निकले, लेकिन इस बार नगर परिषद द्वारा ही उनके विसर्जन की सारी व्यवस्थाएं की गई थी. ऐसे में लोगों ने पूजा अर्चना के साथ गणपति को अपने घरों से ही गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के बीच विदा किया.
नगर परिषद की देख रेख में हुआ विसर्जन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं दी गई थी. ऐसे में अधिकांश लोगों ने अपने घरों पर ही गणपति की स्थापना की. 9 दिन तक लगातार पूजा अर्चना के साथ गणपति की धूम मची रही.
मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा के विसर्जन के दौरान लोगों की भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए नगर परिषद ने विशेष कार्य योजना तैयार की. उसके तहत मंगलवार को नगर परिषद की ओर से घर-घर जाकर गणपति की प्रतिमाओं को एकत्र किया गया. जिसके बाद उन्हें वाहन के जरिए निर्धारित तालाब पर पहुंचाया गया.
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नगर परिषद की ओर से इसके लिए हर 5-5 वार्ड पर जोन स्तर पर कर्मचारियों की टीम गठित की गई थी. शहर को दो पार्ट में बांटकर मूर्तियों को डायलॉब और नाथे तालाब पहुंचाया गया. जहां मूर्तियों को विधिवत विसर्जित किया गया मूर्ति विसर्जन कार्य पर नजर रखने के लिए जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार सिंह, एसडीएम पर्वत सिंह चुंडावत और नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी अपने कार्मिकों के साथ दिन भर डटे रहे. इसके लिए पुलिस द्वारा भी जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए. सभापति त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना के खतरे के मद्देनजर को प्रतिमा विसर्जन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.