बांसवाड़ा. वागड़ अंचल में बहने वाली गंगा-जमुना की तहजीब शनिवार को एक बार फिर साबित हो गई. बता दें कि पिछले कुछ सालों से प्रदेश के संवेदनशील जिलों में बांसवाड़ा का नाम भी शामिल हो रहा था.
इसके मद्देनजर पुलिस और प्रशासन भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर शांति व्यवस्था को लेकर आशंकित नजर आ रहा था. पुलिस द्वारा शुक्रवार को ही सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया था. जिन-जिन बस्तियों में दोनों ही समुदायों की आबादी है, उन्हें लेकर पुलिस प्रशासन खासा अलर्ट था. बता दें कि शनिवार सुबह से ही संवेदनशील बस्ती क्षेत्र में पुलिस बल लगा दिया गया था. वहीं शहर के सार्वजनिक स्थलों पर भी अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया था. जैसे-जैसे फैसले की घड़ी नजदीक आती गई लोगों की धड़कनें भी तेज हो गई.
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उधर पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षा व्यवस्था का विश्वास दिलाने के लिए राज तालाब से जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में पुलिस जवानों के साथ एमबीसी और क्विक रिस्पांस टीम का मार्च निकाला गया. जो अंदरूनी बस्तियों में होता हुआ कस्टम चौराहा और यहां से पुराना बस स्टैंड होते हुए शहर में प्रवेश कर गया. सबसे बड़ी बात यह रही कि इस फैसले को लेकर आमजन काफी सतर्क रहा और किसी भी प्रकार की विद्वेष पूर्ण बयान बाजी नहीं की गई. शहर आम दिनों की तरह नजर आया.