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बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला...बीटीपी ने कांतिलाल को उतारा मैदान

डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से बीटीपी के प्रत्याशी कांतिलाल रोत को बनाया गया है. जिसके बाद यहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया.

बांसवाड़ा लोकसभा सीट से बीटीपी के प्रत्याशी कांतिलाल रोत

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Published : Mar 31, 2019, 10:16 AM IST

डूंगरपुर. विधानसभा चुनावों में डूंगरपुर जिले से 2 सीटों पर जीत के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अब लोकसभा चुनाव में भी ताल ठोक दी है. बीटीपी ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट के साथ ही जोधपुर सीट से भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है. डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट से बीटीपी के प्रत्याशी कांतिलाल रोत को बनाया गया है.

जिससे इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. यहां कांग्रेस ने ताराचंद भगौरा को अपना चेहरा बनाया है. तो वहीं भाजपा से कनकमल कटारा मैदान में उतरे हैं.

बांसवाड़ा लोकसभा सीट से बीटीपी के प्रत्याशी कांतिलाल रोत

वहीं प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांतिलाल रोत ने कहा कि बीटीपी ने मुझे प्रत्याशी के रूप में उतारा है. एक विचारधारा जो हमारी इस इलाके में चल रही है उसमें मुझे काबिल समझा. साथ ही दलित, मुस्लिम और अन्य वर्ग के जो भी प्रताड़ित लोग है. उन सबकी भावनाओ के अनुरूप ही काम किया जाएगा.

'मैं चुनाव मैदान में नहीं था'
कांतिलाल ने कहा कि मैं चुनाव मैदान में नहीं था, चुनाव भी लड़ना नहीं चाहता था, लेकिन मेरा नाम पार्टी और लोगों ने ही पैनल में डाला था. हम लोग चुनाव के लिए काम नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छा से नाम रखा और जब मैनें मना किया और नाम वापस लेना चाहा तब भी वापस नहीं लेने दिया. इसके बाद मेरे नाम का प्रस्ताव केंद्रीय कमेटी ने तय कर लिया. कांतिलाल ने कहा कि आज से 70 साल से संसद में जो हमारे इलाके की आवाज उठनी चाहिए थी वह आज तक नहीं उठी है, इसलिए जनता कांग्रेस और भाजपा दोनों से नाराज है.

इन मुद्दों को पूरा करने की कहीं बात

  • आदिवासी समुदाय की जो पांचवी अनुसूची है और मुद्दे हैं. उनको दबंगता से वहां रखा जाएगा और उनको लागू करवाने की बात करेंगे.
  • दूसरा जो प्रताड़ित समुदाय है. दलित हमारे इलाके में जो प्रताड़ित जो अपनी बात नहीं कह सकते. वह हमारे सिमिलर ही है, लेकिन देशभर में दलितों की आवाज दबाई जा रही हैं. उनकी आवाज हम उठाएंगे.
  • साथ ही पिछड़ा वर्ग जो यहां रहता है और समझता है कि हमारी मनोकामना पूरी नहीं हुई है नकी बात को सही तरीके से नहीं रखा गया है, यहां का विकास नहीं हुआ है. ऐसे सभी लोगो की मंशा के अनुरूप खरा उतरने की कोशिश करेंगे ओर सबको साथ मे लेकर चलेंगे.

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