बांसवाड़ा. दुष्कर्म और हत्या (Rape And Murder Case) के एक प्रकरण में पॉक्सो कोर्ट (POCSO Court) ने पुलिस जांच को दोषपूर्ण मानते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समेत कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिया है. 7 साल पहले एक किशोरी की गला दबाकर हत्या की गई थी. परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया था, लेकिन मामले में पीड़िता के कपड़े और चिकित्सीय नमूने ही थाने से गायब हो गए. इस कारण कोर्ट में आरोपी पर कोई अपराध साबित नहीं हो सका. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी. कोर्ट ने पुलिस की जांच को दोषपूर्ण मानते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत, एएसपी महेश मीणा, डिप्टी कुशलगढ़ सवाई सिंह भाटी, डिप्टी नारायण सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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जमीन विवाद करार देकर खत्म किया केस...
पुलिस ने 29 मार्च 2014 को मामले में अपनी जांच में अंतिम रिपोर्ट पेश की थी. 30 जुलाई 2019 को कोर्ट ने फिर से जांच के आदेश दिए. दोबारा कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट में भी पुलिस ने प्रार्थी और गवाहों के बीच बयानों के आधार पर इसे जमीन विवाद करार दिया गया. पुलिस ने अपनी जांच में अनुसंधान अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही से इनकार किया गया. पीठासीन अधिकारी आरिफ मोहम्मद ने साक्ष्य और पत्रावली के अवलोकन के बाद पुलिस जांच को दोषपूर्ण माना.