बांसवाड़ा.नवनिर्वाचित नगर परिषद बोर्ड शहर को पहली सौगात एक पार्क के रूप में देने जा रहा है. शहर के लिए यह पार्क अनूठा ही कहा जा सकता है जिसकी दीवारें बांसवाड़ा के इतिहास को समेटे होगी, तो बच्चे से लेकर युवा और बुजुर्गों तक समाज के हर तबके के लिए कुछ नया होगा. महापुरुषों की मूर्तियां जहां लोगों को नई सीख देगी तो वहीं बच्चे झूले चकरी का आनंद मिलेगा. बुजुर्गों लोगों को टहलने के लिए एक बड़ा स्पेस मिलेगा, तो युवा वर्ग को जिम के रूप में शरीर को मजबूत बनाने का माध्यम मिलेगा. फिलहाल यह पार्क पिछले 2 माह से आमजन के लिए बंद है, लेकिन कामकाज की गति को देखते हुए फरवरी के अंत तक इसका लोकार्पण होने की उम्मीद हैं.
गौरी शंकर उपाध्याय पार्क को नया लुक
बांसवाड़ा नगर परिषद के नए बोर्ड के गठन के साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण की दिशा में गौरी शंकर उपाध्याय पार्क को नया लुक देने का काम हाथ में लिया गया. करीब 25 साल से यह पार्क एक प्रकार से लोगों की बेरुखी का शिकार था, जबकि स्पेस के लिहाज से यह शहर का सबसे बड़ा पार्क हैं. अपने सौंदर्यीकरण के मिशन को आगे बढ़ाते हुए नगर परिषद ने इसे नया लुक देने का काम शुरू किया गया. उम्मीद है कि जिस प्रकार से पार्क को डेवलप किया जा रहा है, उससे शहर के लोगों को मनोरंजन का एक नया ठिकाना नसीब होगा.
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दीवारों पर झलकेगा इतिहास
यह पार्क कई मायनों में अनूठा होगा, प्रवेश द्वार के बाहर की दीवारों पर शहर के अलावा जिले की प्रमुख ऐतिहासिक और धार्मिक गाथा को चित्रित करते हुए आकर्षक पेंटिंग नजर आएगी. शहर का प्रमुख साईं बाबा का मंदिर, कागदी पिकप, माही डैम और मानगढ़ धाम जिसमें 15 सौ से अधिक आदिवासी लोगों ने अपनी शहादत दी थी. सबका जीवंत चित्रण पार्क की दीवारों पर नजर आएगा. इसके साथ ही पार्क दो भागों में बटा होगा. परिषद की ओर से लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ देश की आजादी और आजादी को बनाए रखने के लिए शहादत देने वाले वीर रणबांकुरे की याद में शहीद स्मारक का भी निर्माण कर रहा है. शहीद स्मारक पूर्णता अलग ही पार्ट में रहेगा.