बांसवाड़ा.जिले मेंबीमित युवक की मौत पर पूरा क्लेम देने के बजाय बहानेबाजी कर भुगतान डालने के एक प्रकरण में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ निर्णय सुनाया है. आयोग ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह ब्याज समेत अधिशेष राशि और 5 हजार परिवाद व्यय के साथ बतौर क्षतिपूर्ति 10 हजार रुपए राशि अदा करें.
वहीं प्रकरण में अखेपानजी का गढ़ा निवासी हाकेर पत्नी कमजी बामणिया की ओर से प्रबंधक, रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शाखा सिद्धिविनायक कॉन्प्लेक्स, पुराना बस स्टैंड बांसवाड़ा के खिलाफ आयोग में परिवाद पेश किया गया था. इसमें बताया गया कि परिवादिया के पुत्र गोविंद बामणिया ने कंपनी से रिलायंस क्लासिक प्लान जीवन बीमा पॉलिसी 28 अक्टूबर 2014 को ली थी, जिसकी वहां नॉमिनी है.
पॉलिसी में तय रहा कि बीमित की पॉलिसी प्रभावी रहने के दौरान मृत्यु पर पांच लाख क्लेम का प्रावधान है. जीवित रहते गोविंद ने पॉलिसी के नियमानुसार किसने अदा की, फिर गोविंद का 30 जुलाई 2015 को निधन हो गया तो बतौर नॉमिनी परिवादिया ने बीमा का दावा पेश किया. इसे कंपनी से 30 जनवरी 2016 को यह कह कर खारिज कर दिया कि गोविंद बीमा करवाने से पहले टीबी रोग से ग्रसित था और उसने तथ्यों को छुपाकर बीमा पॉलिसी प्राप्त की है.