बांसवाड़ा.शिक्षा मंत्री के रीट लेवल प्रथम में बीएड किए हुए अभ्यर्थियों को शामिल करने के प्रस्ताव का बीएसटीसी अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. इस संबंध में बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र भी भेजा है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान के प्रति नाराजगी जताते हुए बीएसटीसी (डीईएलईडी) अभ्यर्थियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और इससे उनके हितों पर होने वाले कुठाराघात से अवगत कराया.
बांसवाड़ा में बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के नाम भेजा मांग-पत्र उनका कहना है कि इससे रीट में कंपटीशन बढ़ जाएगा और उनके चयन के रास्ते बंद हो सकते हैं. साथ ही उनका कहना है कि बीएड किए हुए अभ्यर्थियों के पास और भी कई विकल्प हैं. ऐसे में उनको रीट लेवल प्रथम में शामिल करना बीएसटीसी अभ्यर्थियों के लिए घातक होगा.
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अभ्यर्थियों ने ने कहा कि उनके लिए केवल रीट प्रथम लेवल तक ही शिक्षक बनने का अधिकार है, जबकि बीएड करने वालों के लिए रीट लेवल सेकेंड और व्याख्याता सहित कई प्रकार के विकल्प उपलब्ध हैं. एनसीटीई की गाइडलाइन में भी बीएड करने वालों को रीट लेवल में शामिल करने पर विचार करने की बात कही गई है, ना कि इसमें शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है.
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बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि पहले से ही करीब 3 लाख बीएसटीसी (डीईएलईडी) डिग्री धारी बेरोजगार घूम रहे हैं. इस लेवल में भी बीएड करने वालों को शामिल करने पर कंपटीशन और भी कई गुना बढ़ जाएगा और उनके चयन के सारे रास्ते बंद होने की आशंका है. इसलिए मुख्यमंत्री से रीट लेवल प्रथम बीएसटीसी (डीईएलईडी) करने वालों के लिए आरक्षित रखने का आग्रह किया गया है.