बांसवाड़ा. जिले के गारिया गांव में एक 12वीं की छात्रा का 14 जनवरी को मानसिक संतुलन खो गया और वह आग में झुलस गई. इसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय झाड़-फूंक करने के लिए एक भोपा के पास ले गए. भोपाल उपचार किया और उसे एमपी के जावरा भेज दिया. जावरा में भी भोपा करीब दो माह उपचार किया. इसके बाद मंगलवार शाम को लोहे की जंजीरों में जकड़ कर बालिका को महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया है.
वहीं, उपचार करने वाले डॉक्टर का कहना है कि उसके शरीर पर कई जगह झुलसने के घाव हैं, जो करीब 2 माह पुराने हैं. फिलहाल, हमने उपचार के लिए भर्ती कर लिया है. कुशलगढ़ क्षेत्र के रहने वाले और फिर हाल गारिया गांव में रह रहे प्रकाश ने बताया कि उसकी 23 वर्षीय बेटी का 14 जनवरी को अचानक मानसिक संतुलन खो गया. यह रात्रि की घटना है जब हम घर के अंदर अलाव जलाकर हाथ से एक रहे थे. अचानक से वह घर के अंदर से आई और आग में कूद गई. उस पर भूत का साया था. हमने बचाने की कोशिश की, तब तक वह बहुत ज्यादा मात्रा में झुलस चुकी थी. इसके बाद उसकी मां अंदर से दौड़ी और किसी तरह आग को बुझाया. इसके बाद हम उसे पास के ही एक भोपा यानी झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए. उसने उपचार किया और कहा, इसे बड़े भोपा के पास ले जाना पड़ेगा.
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