बांसवाड़ा. पिछले 1 महीने से रेड जोन के साए में जी रहे बांसवाड़ा जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है. अगले 1 सप्ताह तक सब कुछ ठीक रहा, तो जिला ग्रीन जोन के पाले में जा सकता है.
बांसवाड़ा में 95% रोगी हुए स्वस्थ खुशी की बात यह है कि 95% से ज्यादा रोगी उदयपुर से डिस्चार्ज होने के बाद बांसवाड़ा चिकित्सालय में क्वॉरेंटाइन पूरा कर रहे हैं. इनमें से लगभग 30% रोगी रिकवर होकर अपने घर लौट चुके हैं. रोगियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार को देखते हुए अगले कुछ दिनों में अन्य रोगियों के भी अपने-अपने घर लौटने की संभावना है.
सबसे अहम बात यह रही कि 27 अप्रैल के बाद जिले में कोई नया रोगी नहीं निकला और उदयपुर में रोगियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आया है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले के कुल 66 में से 64 रोगी वहां से रिचार्ज कर बांसवाड़ा महात्मा गांधी चिकित्सालय भेज दिए गए हैं. जहां उन्हें क्वॉरेंटाइन किया गया है. इनमें से एक महिला को छोड़कर अन्य सभी रोगी कुशलगढ़ कस्बे के थे.
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कुशलगढ़ में 4 अप्रैल के बाद अचानक कोरोना के सिर उठाने के बाद वहां 3 वार्ड के लोग कर्फ्यू के साए में जी रहे हैं. वही 27 अप्रैल से बांसवाड़ा शहर के वार्ड 5 और 6 भी कंटेंनमेंट जोन में चल रहा है. जिला चिकित्सालय में क्वॉरेंटाइन किए गए 8 और लोगों को शनिवार को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया. लंबे समय तक अलग अलग जीवन बिता रहे लोगों को जब डिस्चार्ज किया गया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था.
इन लोगों का कहना था कि चिकित्सा विभाग ने उपचार के दौरान उन्हें परिवार से बाहर रहने का एहसास नहीं होने दिया और उनके साथ अच्छा व्यवहार किया. उसी का नतीजा रहा कि आज वह लोग अपने घर जा रहे हैं. इस मौके पर नर्सिंग अधीक्षक नवनीत सोनी, हेल्थ मैनेजर हेमलता जैन सहित कई नर्सिंग कर्मी मौजूद थे. इसके साथ ही अब तक 18 लोग स्वस्थ होने के बाद अपने घर पहुंच चुके हैं.
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सीएमएचओ डॉक्टर हीरालाल ताबीयार के अनुसार 66 में से 64 रोगी स्वस्थ होकर बांसवाड़ा पहुंच गए हैं. जिनमें से 18 को क्वॉरेंटाइन के बाद घर भेज दिया गया है. पिछले 12 दिन से हमारे यहां पर कोई नया रोगी भी नहीं आया है और जो रोगी थे उनके स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार आ रहा है. अगले कुछ दिनों में क्वॉरेंटाइन के बाद इन सबको घर भेज दिया जाएगा. क्योंकि यह हमारे लिए एक प्रकार की उपलब्धि है.