बांसवाड़ा. कोरोना महामारी ने अजमेर विद्युत वितरण निगम को हिला कर रख दिया है. लॉकडाउन के बाद से बिजली उपभोक्ता बिल जमा नहीं करा रहे हैं. नतीजतन मात्र दो माह में ही उपभोक्ताओं पर करीब 60 करोड़ रुपये की राशि चढ़ गई है.
हालांकि, निगम ने ऑनलाइन बिल जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है. लेकिन, कुछ शहरी उपभोक्ताओं के अलावा अन्य उपभोक्ता रुचि नहीं ले रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बिलों का नहीं पहुंचना है. इसे देखते हुए निगम प्रबंधन अब ग्रामीण उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने की तैयारी कर रहा है. अलग-अलग टीमें कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करते हुए उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाएगी.
बिजली उपभोक्ताओं में 2 महीने के 60 करोड़ फंसे बता दें कि अकेले बांसवाड़ा जिले में तीन लाख 55 हजार बिजली उपभोक्ता है. प्रतिमाह यहां करीब 3 करोड़ रुपये की बिजली की खपत हो रही है. हालांकि निगम की उपभोक्ताओं में मोटी रकम फंसी हुई है. लेकिन, लॉकडाउन के बाद से रूटीन में जमा होने वाले बिलों की राशि भी नहीं पहुंच रही.
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मार्च और अप्रैल के बिलो में से शहर के करीब 25 फीसदी उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन बिल राशि जमा कराई. ग्रामीण क्षेत्र में तो बिजली बिल जमा कराने वालों की संख्या नगण्य कही जा सकती है. जहां पर निगम प्रबंधन पिछले 2 माह के बिल नहीं पहुंचा पाया. यह राशि करीब 60 करोड़ रुपए पहुंच रही हैं.
निगम प्रबंधन का कहना है कि ग्रामीण उपभोक्ता ऑनलाइन सर्विसेज के प्रति विश्वास नहीं रखते और काउंटर पर जमा कराने पर ज्यादा भरोसा रखते हैं. इस समस्या को देखते हुए निगम प्रबंधन को ग्रामीण उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
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इसमें बिल पहुंचाने के लिए प्रबंधन द्वारा संबंधित कर्मचारियों को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार हर प्रकार की फैसिलिटी उपलब्ध कराने की बात कही गई है. वहीं निगम के कैश काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइज की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है.
अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक के अनुसार सरकार द्वारा ऑनलाइन बिजली बिल जमा कराने पर छूट भी प्रदान की जा रही है. हमने ग्रामीण क्षेत्र में बिल पहुंचाने के लिए प्रबंधन से स्वीकृति मांगी है. वहां से हरी झंडी मिलने के साथ ही बिल वितरण शुरू कर दिया जाएगा. फिलहाल रूटीन में ही पिछले 2 माह के दौरान करीब 60 करोड़ उपभोक्ताओं पर और चढ़ गया है.