बांसवाड़ा. नगर परिषद बांसवाड़ा के मतदान प्रतिशत ने दोनों ही प्रमुख दलों को चौंका दिया है. मतदान प्रतिशत में 4 फीसदी की गिरावट राजनीतिक समीकरण के कारण गड़बड़ाते नजर आ रहे हैं. पार्टियों के प्रमुख नेता कोई प्रमुख आधार देने की बजाय अपनी जीत का राग अलाप रहे हैं.
बांसवाड़ा में मतदान के प्रतीशत में आई गिरावट ने सबको चौका दिया नगर परिषद के शनिवार को हुए चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ. बता दें कि साल 2014 में हुए चुनाव के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है. इस बार नगर परिषद के वार्ड 45 से बढ़ाकर 60 कर दिए गए. ऐसे में अधिकांश वार्डों में मतदाताओं की संख्या 1000 से लेकर 1200 के बीच रह गई. कुल मिलाकर औसत रूप से 4 प्रतिशत मतदान कम होने का मतलब हर वार्ड में 50 से लेकर 60 वोट कम पड़े हैं. इस बार दोनों ही पार्टियों के बीच हार जीत का अंतराल कम माना जा रहा है. ऐसी स्थिति में 4 प्रतिशत मतदान कम होने को लेकर प्रत्याशी भी हार जीत की गणित को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है.
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जानकारी के अनुसार कुल 74 हजार 608 में से 52 हजार 696 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया. प्रमुख नेता कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं. वहीं भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों के प्रमुख नेता बिना किसी मजबूत तर्क के अपनी अपनी जीत का दम भर रहे हैं. भाजपा नेता अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईडा का कहना था कि बोर्ड हमारा ही बनेगा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के अलावा राज्य सरकार की तरफ से अब तक शहर के लिए कोई बड़ा काम नहीं कराए जाने के आधार पर भाजपा के फिर से बोर्ड बनाए जाने का दावा करने से भी नहीं चूके. वहीं जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया का भी कहना था कि अगला बोर्ड निश्चित रूप से कांग्रेस बना रही है. जन भावना हमारे साथ है. मतदान प्रतिशत में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. कुछ लोग नौकरी या काम के लिहाज से बाहर चले गए होंगे. ऐसे में वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए. लेकिन बोर्ड तो कांग्रेस ही बना रही है.