बहरोड (अलवर). कस्बे में शिक्षक की मौत के बाद श्मशान तक ले जाने का रास्ता न मिलने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट (Uproar after teacher death in Behrod) पड़ा. ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया जिसपर स्टेट हाईवे पर जाम (state highway jam in alwar) लग गया. मामले की सूचना लगते ही बहरोड थाना प्रभारी वीरेंद्रपाल विश्नोई मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी में जुट गए.
मामला बहरोड के मुंडियाखेड़ा गांव का है. गांव के ही सरकारी टीचर विजय पाल यादव की मौत के बाद श्मशान तक जाने का रास्ता नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों और परिवारजनों ने स्टेट हाईवे पर शव को सड़क रखकर जाम लगा दिया. मामले की सूचना के बाद बहरोड थानाधिकारी वीरेंद्रपाल विश्नोई मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी लेकर ग्रामीणों से समझाइश की. दो घंटे बाद प्रशासन और ग्रामीणों में सहमति बनने के बाद अंतिम संस्कार किया गया.
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बहरोड के मुंडियाखेड़ा गांव में हरिसिंह यादव ने श्मशान भूमि में जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण कर रास्ता रोक (Encroachment on the way to the crematorium) दिया था. साथ ही कोर्ट से स्टे भी ले लिया था. इसके बाद से अंतिम संस्कार के लिए लोगों को श्मशान जाने की दिक्कत हो रही है. आज सुबह घटनाक्रम के बाद दो घंटे विरोध के बाद ग्रामीणों और प्रशासन के बीच सहमति बनी जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली.
ग्रामीणों ने बताया कि 5 महीने पहले भी गांव मुंडियाखेड़ा वृद्ध धूमा देवी का निधन हुआ था. तब भी ग्रामीण हरिसिंह की ओर से श्मशान जाने के लिए रास्ता रोका गया था. उस समय कोर्ट स्टे होने से प्रशासन ने उसका अंतिम संस्कार सड़क किनारे करवाकर मामले को शांत करवाया था. श्मशान भूमि जाने के लिए हो रही समस्या को लेकर ग्रामीणों ने पहले भी कई बार उपखण्ड अधिकारी को अवगत कराया था लेकिन आज तक उसका समाधान नहीं हो पाया है.