अलवर (बानसूर). जिले के बानसूर कस्बे के समीपवर्ती ढाणी सिल्लार में सामाजिक कुरीतियों को दरकिनार करते हुए सादगी पूर्ण विवाह का आयोजन किया गया, जिसमें बिना बैंड-बाजे और बिना दहेज के मात्र 17 मिनट में विवाह करवा दिया गया.
बानसूर बिना 17 मिनट में हुई शादी जानकारी के अनुसार एक संत के सानिध्य में हुई शादी में किसी प्रकार का दहेज और शाही खाने की दावत नहीं की जाती. मात्र यह शादी 17 मिनट में हो जाती है. दूल्हा-दुल्हन संत के चित्र छाया के आगे दंडोति लगाकर यह शादी संपूर्ण करते हैं.
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दूल्हे के पिता हरिदास भगत ने बताया कि सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ का सपना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया है. जब तक समाज के गणमान्य लोगों के द्वारा इस प्रकार के आयोजन नहीं होता तब तक जनजागृति का अभियान और सामाजिक कुरीतियों का खात्मा नहीं हो सकता.वहीं दुल्हन के पिता दौसा जिले की भांडारेज निवासी हैं. दुल्हन रेखा सैनी दूल्हा देवेंद्र सैनी दोनों ने स्नातक शिक्षा की हुई है.