अलवर. रेलवे खाटूश्यामजी के दर्शनों के लिए ट्रेन का संचालन करेगा. यह ट्रेन रींगस से खाटूश्यामजी तक जाएगी. इसके लिए रेलवे लाइन डालने की मांग लंबे समय से की जा रही है. रेलवे की जल्द ही इसका सर्वे करा डीपीआर तैयार करेगा. उत्तर पश्चिम रेलवे को इसके लिए बजट आवंटित किया गया है.
बीते दिनों जयपुर पहुंचे रेल मंत्री के सामने भी यह प्रस्ताव रखा गया. जिसके बाद रेल मंत्री ने खाटूश्यामजी को रेलवे से जोड़ने के आदेश दिए हैं. अभी तक लाखों लोग ट्रेन से रींगस तक आते हैं. उसके बाद वो विभिन्न साधनों से खाटू तक पहुंचते हैं. रींगस से खाटूश्यामजी तक 16 किलोमीटर नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए डीपीआर की तैयार करने के लिए 40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. सर्वे का काम जल्द ही पूरा करके इस नई रेल लाइन के काम को स्वीकृति प्रदान करके रेलवे लाइन डालने का काम शुरू होगा.
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उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रींगस से खाटूश्यामजी नई रेल लाइन की घोषणा करते हुए कहा कि खाटूश्यामजी आस्था का प्रमुख केंद्र है और प्रतिवर्ष यहां पर 50 से 60 लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं. रेलवे द्वारा सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था के केंद्रों की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जिसमें कुछ समय पूर्व अंबाजी के लिए नई लाइन का कार्य प्रारंभ किया गया था.
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बता दें कि हर महीने की ग्यारस को 15 से 20 लाख श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं. इसके अलावा महीने भर लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रहता है. छुट्टियों के दिनों में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा रहती है. मेले के समय 40 से 50 लाख लोग बाबा श्याम के दर्शन करते हैं. ऐसे में लंबे समय से खाटूश्यामजी को रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग उठाई जा रही थी.