अलवर.सरिस्का में बाघिन ST-3 मृत अवस्था में बेगानी एनिकट के पास पड़ी हुई मिली (Tigress found dead in Sariska Tiger Reserve) है. वन विभाग के अनुसार 16 साल की इस बाघिन के बीमार होने के चलते कुछ दिनों पहले ट्रंक्यूलाइज कर इंजेक्शन से दवा दी गई थी. इससे पहले बीते अप्रैल में एक बाघ की मौत हो चुकी है.
सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि बाघिन की उम्र 16 साल से ज्यादा थी. सरिस्का में अब बाघों का कुनबा घटकर 24 रह गया है. इस साल सरिस्का में यह दूसरे टाइगर की मौत है. करीब दो महीने पहले उम्रदराज बाघ एसटी-6 की भी बीमारी के चलते मौत हुई थी. बाघ एसटी-13 को गायब हुए पांच महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. एसटी-3 के शव को कब्जे में लिया और सरिस्का मुख्यालय लेकर आए. बाघिन की मौत के असल कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चल सकेगा. हालांकि संभावना है कि उम्रदराज एवं बीमार होने के कारण बाघिन की मौत हुई है. डॉक्टरों की टीम ने बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया.
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बाघिन एसटी-3 को रणथंभौर से 25 फरवरी, 2009 को सरिस्का में शिफ्ट किया गया था. बाघिन के 5-6 दिन पहले पग मार्क नहीं मिल रहे थे. लेकिन रविवार रात को बाघिन एसटी-3 वनकर्मियों को नजर आई थी. यह बाघिन पिछले कुछ दिनों से बीमार भी थी, जिसका इलाज कराया गया था. बाघिन का सरिस्का का कुनबा बढ़ाने में योगदान नहीं रहा. करीब 16 साल से ज्यादा की उम्र के बाद भी वो सरिस्का में एक भी शावक को जन्म नहीं दे सकी.
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वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बाघिन पैंथर के शिकार की शौकीन थी. पूर्व में इस बाघिन के मुंह में पैंथर का शव ले जाने का फोटो चर्चित रहा था. वनकर्मियों का कहना है कि यह बाघिन शांत स्वभाव की थी और इसकी साइटिंग भी पर्यटकों को खूब होती थी. इस वर्ष 2022 ज्यादा अच्छा नहीं रह पाया. इस साल के शुरू में बाघ एसटी-13 अचानक गायब हो गया, जिसका अभी तक पता नहीं चल सका है. बाद में गत 19 अप्रैल को उम्रदराज बाघ एसटी-6 की मौत हो गई. वहीं सोमवार को फिर उम्रदराज बाघिन एसटी-3 का शव सरिस्का कर्मियों को मिला.