अलवर.जिले के सरिस्का में बाघ एसटी 16 की शनिवार को मौत हो गई थी. रविवार को सरिस्का में बरेली, देहरादून, बीकानेर, जयपुर व अलवर के पशु चिकित्सकों की टीम ने बाघ का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि मौत का प्रारंभिक कारण हीटस्ट्रोक माना गया है.
डॉक्टरों ने कहा हीट स्ट्रोक से बाघ की मौत वहीं विशेषज्ञों ने कहा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिला. इसलिए बाघ के शरीर के अन्य अंग प्रभावित हुए व अचानक उसकी मौत हो गई. साथ ही विशेषज्ञों का कहना है की मौत का कारण कैंसर व सेप्टीसीमिया बीमारी भी हो सकती है. क्योंकि बाघ के ट्यूमर बताया गया था. डॉक्टरों की टीम उस पर भी जांच पड़ताल कर रही है.
आपको बता दे कि अलवर के सरिस्का में लगातार बाघ की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. 2018 में तीन बाघों की मौत हुई थी. तो अब 2019 में रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किए गए बाग एसटी16 की अचानक मौत हो गई. वहीं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरविंदम तोमर ने कहा कि बाघ की मौत का मुख्य कारण हीटस्ट्रोक है.
इसके अलावा दूसरे कारणों जैसे कैंसर व सेप्टीसीमिया बीमारी की भी जांच की जा रही है. उसके कारण से भी बाघ की मौत हो सकती है. चिकित्सकों का पोस्टमार्टम करने के बाद कहना है कि ट्रेंकुलाइज करने के बाद हीट स्ट्रोक से बाघ की मौत हुई है. लेकिन यह सच है कि बाघ की कोहनी के अंदर गांठ के रूप में बड़ा घाव मिला है.
इस घाव के कारण कोहनी से ऊपर तक की हड्डी संक्रमित हो गई है.यह भी हो सकता है कि किसी बीमारी के कारण बाघ कमजोर हो गया व ट्रेंकुलाइज के बाद रिवाइव देने पर किसी तरह रिकवर नहीं हो सका. ऐसे में हीट स्ट्रोक से उसके शरीर के अन्य अंग प्रभावित हुए व उन्होंने काम करना बंद कर दिया.जिसके चलते बाघ की मौत हो गई.
बाग का पोस्टमार्टम करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बरेली के डॉक्टर करी के नेतृत्व में बाग का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर करी ने कहा अभी तक की जांच में बाघ की मौत का कारण हीट स्ट्रोक लग रहा है. ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाग को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल सका इसलिए बात के मल्टीपल ऑर्गन प्रभावित हुए.
विभाग आगे चलने में सक्षम नहीं हो सका तो वही ट्रंकलेस के बाद रिवाइवल बाग को दिया जाता है. करीब 200 मीटर चलने के बाद अचानक भाग गिर गया. वहीं उसकी मौत हो गई इसके अलावा बाकी दही कोनी में मिली गांठ कैंसर भी हो सकती है. हालांकि उसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद हो सकेगी.
कुछ दिनों में आएगी जांच रिपोर्ट
डॉक्टर करी ने बताया कि बाघ के शरीर के विभिन्न हिस्सों से लिए गए सैंपल जांच के लिए बरेली व देहरादून स्थित पैथोलॉजी लैब में भेजे गए हैं. उनकी रिपोर्ट आने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है. इसके बाद ही बाघ की मौत के कारणों का सही तरह से पता चल सकेगा. अभी पोस्टमार्टम करने बाद लग रहा है कि हीस्ट स्ट्रोक से बाघ की मौत हुई है.