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सरिस्का में तीन शावकों का हुआ नामकरण, बाघों की संख्या हुई 16

अलवर के सरिस्का में तीन शावकों का प्रशासन की तरफ से नामकरण किया गया है. इनको एचडी 19, 20 और 21 नाम दिया गया है.

शावकों का हुआ नामकरण, cubs were named
शावकों का हुआ नामकरण

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Published : Jan 7, 2020, 9:13 PM IST

अलवर.सरिस्का में तीन शावकों का प्रशासन की तरफ से नामकरण किया गया है. इनको एचडी 19, 20 और 21 नाम दिया गया है. ऐसे में यहां बाघों का कुनबा बढ़कर 16 पहुंच गया है. इससे सरिस्का में आने वाले पर्यटक खासे खुश हैं.

सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की मौत के चलते यह देश-विदेश में बदनाम हो रहा था. बीते डेढ़ साल के दौरान सरिस्का में 4 बाघों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में बागी ST12 के तीन शावकों का सरिस्का प्रशासन की तरफ से नामकरण किया गया है.

सरिस्का में तीन शावकों का हुआ नामकरण

इसमें फीमेल बाघ का नाम एसडी-19 और मेल बाघ का नाम ST20 और ST21 रखा गया है. तीनों शावकों को बाघ का दर्जा मिलने के बाद सरिस्का में अब कुल बाघों की संख्या 16 पहुंच चुकी हैं. यहां कुछ दिन पहले दो शावकों का नामकरण एसटी 17 और 18 किया गया था.

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सरिस्का में शावकों के नामकरण के साथ ही नए बाघ और बाघिन की कमी पूरी होती नजर आ रही है. बाघिन एसडी 12 के शावकों में एक बाघिन और दो बाघ हैं. तीनों बाघ और बाघिन युवा हैं. वहीं कुछ महीने पहले दो शावकों का नामकरण किया गया था. इसमें एक बाघ और एक बाघिन के रूप में नामकरण किया गया.

सरिस्का को बीते तीन-चार महीनों में दो बाघिन और तीन बाघ मिले हैं. इन नए बाघों की उम्र एक से डेढ़ साल के बीच है. वर्ष 2018 में दो बार और एक बाघिन तथा बीते साल रणथंबोर से आए बाघ एसटी 16 की मौत के बाद सरिस्का में युवा बाघ और बाघिन की कमी महसूस की जा रही थी. ऐसे में शावकों के युवा होने से सरिस्का में बाघों के कुनबा बढ़ने की उम्मीद है. इसके साथ ही सरिस्का प्रशासन की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. क्योंकि लगातार यहां बाघों पर खतरा मंडराता रहता है.

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