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रणथंभौर से लाई गई बाघिन को सरिस्का के जंगल में छोड़ा , नाम मिला एसटी-30 - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सरिस्का में (tigress shifted from Ranthambore to Sariska ) शिफ्ट की गई बाघिन टी 134 को जंगल में छोड़ दिया गया है.

tigress released in the wild,  Tigress named ST 30 in Sariska
बाघिन को सरिस्का के जंगल में छोड़ा .

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Published : Mar 23, 2023, 5:48 PM IST

अलवर.जिले के सरिस्का बाघ परियोजना में पिछले दिनों रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन टी- 134 को एंक्लोजर में रखने के बाद गुरुवार को सरिस्का के भगानी जंगल में छोड़ दिया गया है. रणथंभौर से लाई गई बाघिन को सरिस्का में st30 नाम दिया गया है. इसके बाद सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है.

सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. बीते दिनों एक बाघ व एक बाघिन को रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किया गया. साथ ही दो नए शावक सरिस्का में नजर आए. इसके बाद सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है. इस बीच पिछले दिनों रणथंभौर से लाई गई बाघिन को कुछ दिनों तक एंक्लोजर में रखने के बाद सरिस्का के जंगल में छोड़ दिया गया है. वहीं, बाघ को इससे पहले जंगल में छोड़ चुके हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि बाघिन के सामान्य दिखाई देने के बाद गुरुवार को जंगल में छोड़ा गया है.

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अधिकारियों ने बताया कि अभी एक और बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में तैयारी चल रही है. सरिस्का में बढ़ रही बाघों की संख्या से यहां आने वाले पर्यटकों को फायदा होगा. बाघों की बढ़ी संख्या के चलते पर्यटकों को लगातार बाघों की साइटिंग हो रही है, इसलिए पर्यटकों की संख्या मे भी तेजी से इजाफा हो रहा है.

सरिस्का में बाघों के हालातःसरिस्का में वर्तमान समय में 28 बाघ हैं. इनमें 14 बाघिन, 8 बाघ एवं 6 शावक शामिल हैं. इस लिहाज से सरिस्का अब दोबारा बाघों से आबाद हो रहा है. सरिस्का में रणथंभौर से अब तक 11 बाघ शिफ्ट किए गए हैं. वर्ष 2005 में सरिस्का को बाघ विहिन घोषित किए जाने के बाद वर्ष 2008 से यहां बाघों के पुनर्वास का दौर शुरू हुआ था. 15 साल पहले रणथंभौर से बाघ लाने का सिलसिला शुरू हुआ, यह दौर अभी जारी है. डेढ़ दशक में 11 बाघ- बाघिन रणथंभौर से सरिस्का लाए गए हैं. इनमें छह बाघ- बाघिनों की अब तक मौत हो चुकी है. सरिस्का में रणथंभौर मूल के पांच बाघ बाघिन ही बचे हैं, दूसरी तरफ सरिस्का में अब तक 28 शावकों ने जन्म लिया, इनमें एक बाघ व तीन शावकों की मौत हो चुकी है, जबकि, एक बाघ गायब है.

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