अलवर. 68 दिन तक मौत से संघर्ष के बाद रविवार रात रामगढ़ के सैंथली गांव निवासी आर्मी सूबेदार अमर सिंह गुर्जर का निधन हो गया. तिरंगे में लिपटी उनके पार्थिव देह को पैतृक गांव सैंथली लाया गया. अमर सिंह की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ (Subedar Amar Singh last rites in Alwar) पड़ी. सूबेदार अमर सिंह के पार्थिव देह को बेटे ने अग्नि दी.
उनके बड़े भाई धर्म सिंह गुर्जर ने बताया कि अंबाला में तैनात अमर सिंह को सिर में कोई परेशानी हुई थी. वहां मौजूद साथियों को बताने का प्रयास भी किया. लेकिन चंद क्षणों में वह पूरी तरह बेहोश हो गए. साथियों ने सोया हुआ मान लिया. अगले दिन भी नहीं जागे, तो अस्पताल ले जाया गया. उनके परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं. इनमें बेटा जितेंद्र गुर्जर जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आर्मी में तैनात हैं, जबकि पुत्री विवाहित है.