अलवर. रणथंभौर से सरिस्का लाए गए युवा बाघ एसटी29 को एंक्लोजर से बाहर खुले जंगल में गुरुवार तड़के 4 बजकर 24 मिनट पर रिलीज किया गया (ST 29 released in Sariska). बाघ को 3 दिनों तक एंक्लोजर में रखा गया था.इस दौरान सरिस्का की टीमें उस पर नजर रख रही थीं. एंक्लोजर में बाघ के लिए शिकार व पानी की व्यवस्था की गई थी. इस शिफ्टिंग की चर्चा चौतरफा थी.
कृष्णा के बेटे का बदला नाम: रणथंभौर की बाघिन टी19 कृष्णा का बेटा है एसटी29. रणथंभौर में इसे टी113 के नाम से जाना जाता था (Ranthambore Tiger Reserve). 3 दिन पहले ही इसे सरिस्का लाया गया. ये एक बार पिता भी बन चुका है. रिहा करने से पहले तीन दिनों तक बाघ को एंक्लोजर में रहा गया. बाघ के लिए पनिढाल क्षेत्र में सरिस्का प्रशासन की तरफ से नया एंक्लोजर बनाया गया है.
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3 बाघिनों के बीच अकेला बाघ!:पनिढाल क्षेत्र में तीन बाघिन की टेरिटरी है.सरिस्का के सीसीएफ आरएन मीणा, डीएफओ व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में गुरुवार को तड़के 4 बजकर 24 पर बाघ को सरिस्का के जंगल में छोड़ दिया गया. एसटी29 के आने के साथ ही सरिस्का में 8 नर बाघ और 13 बाघिन और चार शावक हो गए हैं.सरिस्का के अधिकारियों ने कहा की युवा बाघ से खासी उम्मीदें हैं. जिस क्षेत्र में बाघ को छोड़ा गया है उस क्षेत्र में तीन बाघिन रहती हैं.
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मॉनिटर किया जाएगा हर मूव: युवा बाघ किस के संपर्क में आता है, यह देखना होगा. बाघ की मॉनिटरिंग के लिए सरिस्का की टीमें 24 घंटे लगी हुई हैं. इसके अलावा कैमरा ट्रैप और अन्य संसाधनों की मदद से भी बाघ पर नजर रखी जा रही है.