अलवर.बाघ और पैंथर के बाद अब भालू भी सरिस्का के जंगलों में नजर आएंगे. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही माउंट आबू और सिरोही के जंगलों से भालुओं का एक जोड़ा सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा. वैसे तो भालुओं के दो जोड़े शिफ्ट होने हैं, लेकिन अभी एक की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है. सरिस्का के जंगलों में भालू आने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो जंगल में वन्यजीवों का कुनबा बढ़ सकेगा. सरिस्का टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है. जहां पूरे साल देशी-विदेशी पर्यटक सफारी का आनंद लेने और बाघों की साइटिंग के लिए आते हैं. सरिस्का में अभी 25 बाघ हैं, इनमें 13 बाघिन, 8 बाघों के साथ ही चार शावक हैं. इसके अलावा 400 से ज्यादा पैंथर हैं. यहां बाघ और पैंथर के अलावा नीलगाय, हिरण, चीतल, बारासिंघा सहित कई प्रजातियों के वन्यजीव मौजूद हैं.
सरिस्का को अब भालुओं का इंतजार: लंबे समय से सरिस्का में भालू की जरूरत महसूस की जा रही है. साथ ही यहां भालू का कुनबा बसाने की योजना भी बन चुकी है. आने वाले समय में सरिस्का में भालुओं का दो जोड़ा शिफ्ट किया जाएगा. माउंट आबू और सिरोही के जंगलों से भालू लाकर सरिस्का के जंगल में छोड़ जाएंगे. इसके लिए पूरी योजना बन चुकी है. साथ ही भालू भी चिन्हित हो चुके हैं. लेकिन अभी सरकार की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में यदि सब कुछ ठीक रहा तो भालू भी पर्यटकों को लुभाते दिखाई देंगे.