अलवर.राजस्थान के अलवर में सरिस्का नेशनल पार्क और अलवर बफर जोन है. जो 886 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ. सरिस्का देश का सबसे बड़ा क्षेत्रफल की दृष्टि से टाइगर रिजर्व है.लेकिन बीते कुछ सालों से अलवर में तेजी से जंगल कम हो रहा है, तो वहीं अरावली की पहाड़ी भी बंजर हो रही है. ऐसे में हर साल पेड़ लगाने के बाद भी वन विभाग को सफलता हाथ नहीं लग रही. लाखों पेड़ में से आधे पेड़ सूख जाते हैं या खराब हो जाते है.
पहाड़ियों को हराभरा करेगी 'सीड बॉल' इसलिए वन विभाग ने अलवर को हरा-भरा करने के लिए नई योजना तैयार की है. इसके तहत अलवर में पहली बार सीड बॉल डाली जाएंगी. वन विभाग की नर्सरी में सीड बॉल बनाने का काम चल रहा है. प्रतिदिन सुबह 8 से 12 बजे तक वन विभाग के कर्मचारी व वन प्रेमी वॉलिंटियर्स सीड बॉल बनाने का काम कर रहे हैं.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में बेर के करीब चार हजार बॉल, लांज के 10 हजार, कुंडा की 10 हजार, चुड़ैल के 10 हजार, शीला 10 हजार व कट करंज के 5000 सीड बोल बनाई जा रही हैं.वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एक बारिश के बाद अलवर में इन बॉल को खाली जगह व बंजर पहाड़ों पर फेंका जाएगा.
इस बॉल को बनाने में चिकनी मिट्टी, खाध और बीज का उपयोग किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि अलवर में पहली बार इस तकनीक को काम में लिया जाएगा. तो वहीं इसके परिणाम भी बेहतर होने की उम्मीद है.क्योंकि एक बातिश के बाद मिट्टी व खाद में बीज अंकुरित जल्दी होता है। कई बार जो काम पौधे नहीं कर पाते है. वो काम एक छोटा सा सीड बोल कर जाता है. इसलिए विभाग की तरफ से अलवर में इसका उपयोग किया जाएगा.