अलवर.जिले में सात साल बाद एक हिस्ट्रीशीटर पर राजपासा एक्ट लगाया गया है. इसके लगने के बाद अब हिस्ट्रीशीटर को एक साल जेल में रहना होगा. वहीं बताया गया आरोपी पर पहले से ही 24 मामले दर्ज हैं. हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच ने मामले में पुलिस और प्रशासन से बात करने और हिस्ट्रीशीटर का पक्ष जानने के बाद यह फैसला दिया है. वहीं, भिवाड़ी पुलिस की ओर से भी राजपासा के लिए दो याचिका दायर की गई थी, जिसे न्यायालय ने रद्द कर दिया.
अलवर पुलिस को सात साल बाद एक बड़ी सफलता मिली है. शहर के शिवाजी पार्क थाना पुलिस ने राजपासा एक्ट के तहत हिस्ट्रीशीटर व हार्डकोर बदमाश कमल सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेजा है. बदमाश कमल सिंह के खिलाफ अलवर जयपुर सहित आसपास जिलों के थानों में 24 एफआईआर दर्ज हैं. अकेले शिवाजी पार्क थाने में 21 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा शहर कोतवाली, बड़ौदामेव, जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर सहित अन्य जगहों पर भी मामले दर्ज हैं.
राजपासा एक्ट अंतिम बार 2015 में एक बदमाश पर लगाया गया था. उसके बाद पुलिस की ओर से हर बार याचिका दायर की जाती रही, लेकिन हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. अलवर पुलिस ने इस बार दो याचिका दायर की थी तो भिवाड़ी पुलिस की ओर से भी दो बदमाशों पर राजपासा लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी. जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी के आदेश के बाद बदमाश हार्डकोर अपराधी कमल सिंह पुत्र प्रभु सिंह को गिरफ्तार किया गया था.