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Right To Health Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल का विरोध, सड़क पर उतरे प्रदेशभर के चिकित्सक - Protest on Right To Health Bill

प्रदेशभर के चिकित्सक सरकार के राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं. अपनी मांगों के साथ सड़क पर हैं. अलवर में सरकारी अस्पताल में कार्य बहिष्कार का असर दिखा. यहां 2 घंटे तक ओपीडी बंद रखी गई.

Right To Health Bill Protest
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Published : Feb 11, 2023, 12:27 PM IST

अलवर.अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में शनिवार को सरकारी व निजी अस्पताल में 2 घंटे डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान जिले के सबसे बड़े राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में मरीज परेशान होते नजर आए. मरीजों को इलाज नहीं मिला. ओपीडी में सुबह से मरीजों की लंबी कतार देखी गई. अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं चलती रहीं.

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में डॉक्टरों ने शनिवार सुबह 9 से 11 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया गया है. संघ जिलाध्यक्ष डॉ. विजय सिंह चौधरी ने बताया कि कार्य बहिष्कार के बाद डॉक्टर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे. अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सुचारू रहेंगी. यह निर्णय ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर किया गया है. इसके साथ साथ प्राइवेट अस्पताल आज पूरी तरह बंद रहेंगे डॉक्टरों की हड़ताल के चलते राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ देखने को मिली.

ओपीडी के बाहर बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करते हुए नजर आए. लेकिन अंदर ओपीडी में डॉक्टरों की कुर्सी खाली थी और कोई भी डॉक्टर इमरजेंसी ओपीडी में नहीं बैठा. मरीज को दिखाने आए परिजन राहुल ने बताया कि सुबह से ओपीडी के बाहर बैठे हुए हैं. लेकिन सीट पर डॉक्टर नहीं है. पता चला कि डॉक्टरों की आधे घंटे की हड़ताल है. ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अपने अधिकार को लेकर विरोध करें लेकिन मरीज परेशान नहीं हो.

पढ़ें-राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर, राजस्थान के निजी अस्पताल आज रहेंगे बंद

जोधपुर में भी दिखा असर- जोधपुर के लगभग करीब 200 निजी हॉस्पिटल पूरी तरह से बंद हैं. मरीजों केा इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी ​सरकारी अस्पताल जाना पड़ रहा हैं. निजी अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी सहित सभी सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं. आईएमए के आह्वान पर यह डॉक्टर्स मेडिकल कॉलेज परिसर में एकत्र हुए वहां से रैली निकाल अपना इस कानून को लेकर विरोध जताया. आईएमए जोधपुर के अध्यक्ष डॉ सिद्धार्थराज लोढ़ा ने बताया कि सरकार यह कानून अपनी मर्जी से थोपना चाहती हैं. डॉक्टरों के सुझावों पर अमल नहीं किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में निजी अस्पताल चलाना आसान नहीं होगा.

राइट टू हेल्थ बिल पर रार- राइट टू हेल्थ बिल पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि प्राइवेट अस्पतालों में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए सरकार की ओर से फंड दिया जाएगा, लेकिन अस्पतालों का कहना है कि अब तक इमरजेंसी की परिभाषा ही पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. इस बिल के मुताबिक अस्पतालों में सड़क दुर्घटना के मरीजों को फ्री ट्रांसपोर्ट , निशुल्क उपचार और मुफ्त बीमा कवरेज प्रदान करना शामिल है.. निजी अस्पतालों में फ्री ओपीडी और इलाज अनिवार्य बनाया गया लेकिन राशि भुगतान को स्पष्ट नीति न होने को लेकर भी चिकित्सक नाराज हैं.

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