सरिस्का के लिए कैसे वरदान बनी बारिश... अलवर. जिले में बीते 10 दिनों से हो रही बारिश एक तरफ किसान के लिए आफत भरी रही और किसान की फसल बर्बाद हो गई. वहीं दूसरी ओर सरिस्का के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी. बारिश के बाद सरिस्का के नदी नालों में पानी की आवक हुई है. इससे गर्मी में पानी की कमी नहीं आएगी. साथ ही बारिश से हरियाली होने से जंगल में आग की घटनाएं भी सामने नहीं आएंगी.
अलवर जिले में हुई बरसात और ओलावृष्टि से एक और जहां किसानों को भारी नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर इस बारिश से सरिस्का को बहुत फायदा हुआ है. पिछले काफी सालों से प्रदेश में बारिश सामान्य से कम हो रही है. जिसके कारण सरिस्का वन अभ्यारण के प्राकृतिक जल स्रोत गर्मियों के मौसम में सूख जाते हैं. जिसके कारण सरिस्का वन प्रशासन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पढ़ेंःअलवर में बारिश व ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए गिरदावरी कराने के निर्देश
जंगल के अंदर बाघों सहित बहुत से वन्यजीव हैं, जो पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने लग जाते हैं. सरिस्का प्रशासन को इन जल स्रोतों में पानी की व्यवस्था करने में खासी मुश्किल होती है. हालांकि सरिस्का प्रशासन के द्वारा जगह-जगह बोरवेल के द्वारा इन स्रोतों में पानी की आपूर्ति की जाती है. इसके अलावा टैंकर से भी पानी की व्यवस्था की जाती है. लेकिन उसके बाद भी पानी की तलाश में वन्यजीव जंगल से बाहर निकलते हैं व कुछ सड़क हादसे के शिकार होते हैं.
पढ़ेंःHailstorm in Alwar: अलवर का किसान हुआ बर्बाद, ओलावृष्टि से फसल हुई खराब
पिछली बार गर्मियों के मौसम में सरिस्का के जंगल में आग लगी थी. जिसने काफी विकराल रूप धारण कर लिया था. हेलीकॉप्टरों के द्वारा इस आग पर काबू पाया गया. बारिश के कारण अब सभी पेड़ पौधों में नमी आ गई है. जंगल में हरी घास भी उगाई है. जिससे जंगल में आग लगने का खतरा कम हो जाएगा. जंगल में गर्मी के मौसम के दौरान हर साल आग लगने की घटनाएं होती हैं. लेकिन बीते साल आग लगने की कई मामले सामने आए. तो आग की घटनाओं ने विकराल रूप लिया. इसलिए सरिस्का प्रशासन की तरफ से जंगल क्षेत्र में फायरलाइन बनाई गई.