एआईआरएफ के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा अलवर.हाल ही में ओडिशा में हुए रेलवे हादसे के बाद दलगत बयानबाजी अपने चरम पर है. विपक्ष केंद्र सरकार पर हमले कर रही है. हादसे को रेलवे की लापरवाही करार दिया जा रहा है तो वहीं अब रेलवे फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बयानबाजी करने वालों को नसीहत दी है. फेडरेशन के पदाधिकारियों की ओर से कहा गया कि इस मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए. साथ ही कहा गया कि रेलवे कर्मचारी रात-दिन जोखिम भरी परिस्थितियों में काम करते हैं. कर्मचारियों के लिए देश में सबसे बेहतर काम उत्तर पश्चिम रेलवे में हुआ है. लोको पायलट के लिए रनिंग रूम में कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, जिसका फायदा रेलवे संचालन में हो रहा है.
रेलवे में 24 घंटे की ड्यूटी के दौरान ट्रेन के लोको पायलट, सिविल इंजीनियरिंग वर्कर्स, सिगनलिंग, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक वर्कर्स को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे में लोको पायलट व अन्य कर्मचारियों के विश्राम के लिए बने रनिंग रूम में फुट मसाजर विंटर जैकेट तो वहीं क्रोकरी कर्मचारियों के लिए लैपटॉप, कंप्यूटर सहित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
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ऐसे में काम के दौरान थकान होने पर रनिंग रूम में कर्मचारी रेस्ट कर सकते हैं और अपनी थकान दूर कर सकते हैं. इससे उन्हें तनाव नहीं होगा और कर्मचारी ड्यूटी के दौरान बेहतर काम कर सकेंगे. ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद देश में हो रही राजनीति पर नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया रेलवेमैन के पदाधिकारियों ने नेताओं को राजनीति न करने की नसीहत भी दी. साथ कहा कि हादसे में जिन लोगों की जान गई है. उसके लिए पूरा देश सदमे में है. इसके इतर मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराने की कोशिश की गई है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी मंडल में बने रनिंग रूम में लोको पायलट व अन्य तकनीकी कर्मचारियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर मानव संसाधन विकास के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने 1861 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. इससे सभी रनिंग रूम में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस दिशा में साल 2013 में आई एक रिपोर्ट के बाद कर्मचारियों को होने वाले तनाव में परेशानी को देखते हुए बदलाव करने का काम शुरू किया. आज उत्तर पश्चिम रेलवे ने कर्मचारियों के लिए सबसे ज्यादा बदलाव व बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई है. यही वजह है कि अब इसका असर देखने लगा है.