अलवर.जिले में शुरू होने वाले मेडिकल कॉलेज को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नजर आ रही है. इसलिए मेडिकल कॉलेज का काम तेजी से चल रहा है. इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज की जमीन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई है. पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने मौके पर जाकर जमीन का मुआयना किया है.
बता दें कि मरीजों की संख्या और जरूरत को देखते हुए गहलोत सरकार ने अलवर में फिर से मेडिकल कॉलेज की घोषणा की है. इस बार गहलोत सरकार कॉलेज को लेकर खासी गंभीर नजर आ रही है. इसलिए तेजी से कॉलेज संबंधित कामकाज किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज की जमीन की फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई है.
पढ़ें. चूरू: अपने खिलाफ हुए दर्ज मुकदमों के लिए आशा सहयोगिनी ने किया धरना प्रदर्शन
वहीं अलवर में सालों से मेडिकल कॉलेज की जरूरत महसूस की जा रही है. साथ ही लगातार मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग उठ रही थी. दअरसल जिला अस्पतालों में सबसे अधिक ओपीडी जयपुर के बाद अलवर में रहती है. प्रतिदिन अलवर के सामान्य अस्पताल में 4000 के आसपास मरीज आते हैं. इसी तरह के हालात वार्ड में रहते हैं. प्रतिदिन दिल्ली, गुड़गांव सहित आसपास के शहरों में इलाज के लिए लोग जाते हैं. मेडिकल कॅालेज की कमी से मरीजों को इलाज के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है.