अलवर. कलेक्ट्रेट में गुरुवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जनसुनवाई में जिले भर से आए लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याएं रखी. इस दौरान सबसे ज्यादा पानी और राशन संबंधित समस्याएं नजर आई. वहीं हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन और सरकारी विभाग के अधिकारी लोगों को झूठी तसल्ली देते हुए दिखाई दिए. ऐसे में हर माह होने वाली जनसुनवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई है. हर माह होने वाली जनसुनवाई में लोग सालों से पहुंच रहे हैं. लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हुआ. परेशान लोग एक उम्मीद की किरण लेकर जनसुनवाई में आते हैं.
अलवर कलेक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई...लोगों की शिकायत आये तो कई बार पर समाधान अब तक नहीं हुआ - water
अलवर के कलेक्ट्रेट में गुरुवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया. अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय ने जनसुनवाई की तो वहीं इस मौके पर सभी सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सिर्फ समस्या सुनी जाती है पर समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है.
लेकिन सरकारी विभागों के अधिकारी उनकी समस्या का समाधान नहीं करते हैं. इसलिए हालात जस के तस बने हुए हैं. इसी तरह के हालात गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई जनसुनवाई के दौरान देखने को मिला. ज्यादातर लोगों ने बताया वो कई बार जनसुनवाई में आ चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ. अधिकारी हर बार समस्या का समाधान करने का आश्वासन देते हैं. लेकिन उनकी समस्या आज भी पहले जैसी बनी हुई है. कैमाला गांव से जनसुनवाई में पहुंची महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में पीने के पानी के कोई इंतजाम नहीं है.
गांव के ज्यादातर बोर सूख चुके हैं. तो वहीं पूरे गांव में ना तो सरकारी टंकी है, ना ही बोरिंग की व्यवस्था है. ऐसे में लोगों को आसपास के क्षेत्रों से पानी भर कर लाना पड़ता है. गांव में करीब 500 घर हैं. कुछ लोग पैसा मिला कर टैंकर डलवाते हैं. तो गरीबों को खासी परेशानी होती है. एमआईए क्षेत्र स्थित गूंदपुर गांव से जनसुनवाई में पहुंची महिलाओं ने कहा की सालों से उनको राशन नहीं मिल रहा है. राशन डीलर कहता है कि उनका नाम राशन की लिस्ट में नहीं है. तो वही सचिव और अन्य लोग उनकी समस्या सुनने की जगह उनको टाल देते हैं. ऐसे में साफ है कि लोग कितने परेशान हैं. लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.