अलवर. अलवर के राजगढ़ में अतिक्रमण के नाम पर सालों पुराने तीन मंदिरों और गौरव पथ के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में दुकान और घरों को तोड़ने के मामले में राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के स्थानीय नगर पालिका बोर्ड पर इस तोड़फोड़ का आरोप लगाया है. दूसरी तरफ भाजपा के नेता राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा पर बदले की भावना से अतिक्रमण के नाम पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार हिंदू विरोधी फैसले ले रही हैं और प्रदेश सरकार के इशारे (Alwar temple demolition case) पर ही ये तोड़फोड़ हुई है. इस घटना के चलते अलवर पूरे देश में बदनाम हुआ. अलवर की इस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाओं का दौर जारी है. लेकिन इन सबके बीच जिन लोगों के घर और दुकान तोड़े गए, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
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नहीं मिला मुआवजा: राजगढ़ के लोगों ने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी झूठे वादे करता है. जिला कलेक्टर घटना के 7 दिन बाद यहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए भिवाड़ी बीड़ा के अधिकारी को लगाया गया है. सात दिनों में जांच पूरी होगी और इस मामले में लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. मंदिरों के दूसरी जगह पर निर्माण कराने, मूर्तियों को विस्थापित करने सहित अन्य कार्य भी कराए जाएंगे. लेकिन प्रशासन के सभी वादे झूठे साबित हो रहे हैं.
अनशन पर बैठे लोग:लोग मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं लेकिन उनकी समस्याएं (Protest in Alwar Demanding compensation for sabotage) सुनने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों ने कहा कि अभी तक जिन लोगों के मकान-दुकान तोड़े गए, उनको आश्वासन के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. मंदिरों की भी सुध लेने वाला कोई नहीं है. प्रदेश सरकार भी इस पूरे मामले पर चुप है.