अलवर.जिले के सरिस्का बाघ अभ्यारण्य में बुधवार सुबह खेतों में रखवाली कर रहे किसान के पास टाइगर पहुंच गया. जिससे किसानों की सांसें अटक गई. गनीमत रही कि टाइगर ने किसान की रजाई को पंजे से फाड़ने के बाद वापस नदी में कूद कर जंगल मे चला गया, अन्यथा जनहानि भी हो सकती थी.
सरिस्का में वन्यजीवों ओर ग्रामीणों में संघर्ष लगातार जारी है. इससे अब तक 4 बाघों की मौत भी हो चुकी है. अलवर जिले के सरिस्का बाघ अभ्यारण्य के अकबरपुर रेंज के नुरपीर गांव में सुबह खेतों में टाइगर आने से ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया और सरिस्का प्रसासन को मामले की सूचना दी गई.
मामले की सूचना के बाद सरिस्का के अकबरपुर रेंज के क्षेत्रीय वन रेंज अधिकारी मनोज यादव फॉरेस्ट कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां टाइगर के पगमार्क लिए गए. जिसके बाद टाइगर के वापस जंगल मे चले जाने के पगमार्क मिलने से सरिस्का प्रसासन ओर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
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किसान धर्म सिंह ने बताया कि वह खेतों में प्याज की फसल को रखवाली करने के सोया हुआ था. तभी सुबह करीब 4 से 5 बजे टाइगर उसकी चारपाई के पास आ गया और कुछ देर बाद वह नदी में कूद गया. एसीएफ मनोज कुमार यादव ने बताया कि बाघ टेरिटरी की तलाश में पहाड़ी से नीचे उतर कर आया था. उसके बाद वह वापस जिस रास्ते से आया था उधर से ही वापस चला गया है. वहीं टाइगर के पग मार्क ले लिए हैं और किसी तरीके की कोई जनहानि नहीं हुई है. वन क्षेत्र में बाघों का मूवमेंट जारी रहता है और ट्रैकिंग टीम उनका पीछा भी करती हैं.
गौरतलब है कि कल शाम को डडीकर गांव में पैंथर में अटैक कर दिया था जिसमें 4 ग्रामीण घायल हो गए थे. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. सरिस्का में वन्यजीवों और ग्रामीणों के बीच जंग लगातार होती रही है. जिसमें कई टाइगर और पैंथरों को ग्रामीणों के द्वारा मौत के घाट उतारा गया है. सरिस्का में मानवीय दखल वन्यजीवों पर भारी पड़ रहा है.