मुण्डावर (अलवर).कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की कस्बे में बैंकों और राशन वितरण के स्थान पर धज्जियां उड़ रही हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे कारगर और उचित हथियार है. बावजूद इसके लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहें है. कस्बा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों, सीएसपी शाखाओं और राशन वितरण की दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं स्थानीय प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
मुण्डावर में बैंकों और राशन वितरण की दुकानों पर उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां - अलवर में सोशल डिस्टेंस की अवहेलना
अलवर के मुण्डावर कस्बे और इसके आसपास के गांवों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे बिना भीड़ लगाकर खड़े हो रहें है. कस्बे के बैंको और राशन वितरण की दुकानों के सामने लोग बिना मास्क के पहुंच रहें है और बिना दूरी बनाए खड़े हो रहें है. वहीं स्थानीय प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
बैंकों और सीएसपी पर लोग निजी पैसे समेत अनुदान की राशि निकालने के लिए लोग भीड़ लगा रहें है. वहीं राशन वितरण प्रणाली की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. बिना मास्क पहने ही भीड़ में लोग बैंकों और राशन लेने के लिए पास पास खड़े दिखाई दे रहें है.
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गौरतलब है कि कोरोना महामारी रोकथाम और उससे बचाव के लिए सरकार लगातार लोगों से मुंह पर मास्क पहनने की अपील करती आ रही है, लेकिन बावजूद इसके लोग सरकार की इस अपील को हल्के में लेते नजर आते हैं, जिसके बाद सरकार मास्क नहीं पहनने वाले लोगों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है. मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, अगर कोई बिना मास्क पहने घूमता नजर आया तो उसे एक साल के लिए जेल की हवा खानी पड़ेगी. उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश भी जारी किए हैं.