राजस्थान

rajasthan

Alwar Onion Mandi : किसानों के लिए प्याज बना घाटे का सौदा, बंपर पैदावार से दाम में गिरावट

By

Published : Apr 6, 2023, 6:52 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 7:00 PM IST

इस बार अलवर मंडी में प्याज की बंपर आवक हुई (Onion production in Rajasthan) है. इसके चलते प्याज के दाम में जबरदस्त गिरावट आई है. ऐसे में किसानों को उनकी फसल की लागत का खर्च भी नहीं मिल पा रहा.

Alwar Onion Mandi
अलवर प्याज मंडी

किसानों के लिए प्याज बना घाटे का सौदा

अलवर.प्याज की फसल ने किसान की कमर तोड़ कर रख दी है. इस साल प्याज के दाम लगातार गिर रहे हैं. ऐसे में किसान को अपनी लागत का खर्चा भी नहीं मिल रहा है. होलसेल बाजार में 5 से 7 रुपए किलो प्याज बिक रही है, जबकि मंडी तक प्याज बेचने में किसान को कम से कम 10 से 15 रुपए किलो तक खर्चा आता है. ऐसे में किसान को अपनी फसल की लागत का खर्चा भी नहीं मिल रहा है.

साल में दो बार आती है राजस्थान की प्याज :प्याज व्यापारी पप्पू सैनी के अनुसार राजस्थान में प्याज की दो फसल होती हैं. अक्टूबर से जनवरी माह तक अलवर, भरतपुर व दौसा क्षेत्र की प्याज मंडी में बिकने के लिए आती है, जबकि मार्च, अप्रैल, मई, जून माह में सीकर, झुंझुनू, नागौर और जोधपुर जिले की प्याज मंडी में आती है. यह प्याज कुचामन मथानिया के नाम से जानी जाती है. इस साल महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात में प्याज की बंपर पैदावार हुई है, इसलिए प्याज के दाम लगातार गिर रहे हैं. सीकर, झुंझुनू, नागौर और जोधपुर की प्याज में नमी रहती है, इसलिए इस प्याज को स्टोर नहीं किया जा सकता है. साथ ही यह प्याज खाने में मीठी होती है, इसलिए लोग इसे पसंद करते हैं.

पढ़ें. Alwar Onion Mandi: अलवर के प्याज पर भारी एमपी और नासिक की खेप...डिमांड कम होने से किसान परेशान

किसान हो रहा परेशान :उन्होंने बताया कि होलसेल बाजार में 5 से 7 रुपए किलो तो रिटेल में 10 रुपए किलो प्याज बिक रही है. खेत में प्याज की फसल में पैदावार से लेकर कटाई और उसको मंडी तक लाने में किसान के 10 से 15 रुपए का खर्च आता है. ऐसे में किसान परेशान है. सीकर में इस वर्ष उत्पादन लगभग 4.50 से 5 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जबकि राज्य का कुल उत्पादन 18.80 लाख मीट्रिक टन है. इस क्षेत्र में लगभग 50,000 प्याज उत्पादक हैं.

प्याज को सरकारी खरीद में करें शामिल : व्यापारी पप्पू सैनी का कहना है कि किसान को प्याज की फसल में इस साल नुकसान हुआ है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. प्याज की फसल को भी सरकारी खरीद में शामिल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आलू की ज्यादा पैदावार होती है, ऐसे में सरकार आलू खरीदती है. राजस्थान सरकार को भी प्याज की खरीद करनी चाहिए और किसान को एक निश्चित मूल्य देना चाहिए. व्यापारियों की मानें तो आगामी दिनों में भी प्याज के दामों में गिरावट दर्ज की जाएगी, क्योंकि गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में प्याज की बंपर आवक हुई है. ऐसे में प्याज के दाम कम रहने की संभावना है.

पढ़ें. Onion Farmers Upset: डिमांड से ज्यादा प्याज का उत्पादन, अब नहीं निकल पा रही लागत, किसान परेशान

पानी की कमी के कारण भी फसल में आता है खर्चा :नासिक के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी अलवर प्याज की मंडी है. अलवर से पूरे देश में प्याज की सप्लाई होती है. किसानों ने बताया कि प्याज की फसल में खासा खर्चा आता है. एक बीघा प्याज की फसल की पैदावार में 70 हजार रुपए तक का खर्च आता है. प्याज का बीज महंगा हो रहा है. इसके अलावा यूरिया फसल की बुवाई और कटाई में श्रमिकों का खर्चा होता है. सीकर, झुंझुनू, नागौर क्षेत्र में पानी की कमी है, ऐसे में यहां किसानों को पानी भी खरीदना पड़ता है.

Last Updated : Apr 6, 2023, 7:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details