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अलवर: अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर झलका नर्सिंग कर्मियों का आक्रोश

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Published : May 12, 2021, 9:01 PM IST

अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस को अलवर में आक्रोश दिवस के रूप में मनाया गया. नर्सिंग कर्मियों ने कहा कि दो साल से पदनाम में परिवर्तन की मांग हो रही है, लेकिन सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया है.

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अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर झलका नर्सिंग कर्मियों का आक्रोश

अलवर.अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस और नर्सिंग प्रोफेशन की जन्म दात्री फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर जिले में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान राजस्थान ग्रेजुएट नर्सेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने फ्लोरेंस नाइटेंगल की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए. प्रदेश राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के आह्वान पर अलवर में भी नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सेज दिवस को आक्रोश दिवस के रूप में मनाया.

अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर झलका नर्सिंग कर्मियों का आक्रोश

प्रदेश एसोसिएशन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रेम पटेल ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम में नर्सेज निडर होकर मानव हित में अपनी सेवाएं दे रही हैं. दो साल से पद नाम परिवर्तन को लेकर मांग कर रहे हैं. इसको लेकर प्रदेश व्यापी आह्वान पर 10 व 11 मई को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया. इसके बावजूद भी पद नाम परिवर्तन की मांग पूरा नहीं होने पर नर्सेज दिवस को आक्रोश दिवस के रूप में मनाया गया है.

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उन्होंने कहा कि हम पीड़ित मानव की दिन-रात सेवा करने वाले कर्मचारी हैं. हमको पदनाम का तोहफा देने में सरकार को दिक्कत क्या है? जबकि इसमें राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बाहर नहीं पड़ रहा. यह हमारी वाजिब मांग है. जिस तरह ग्राम सेवक को ग्राम विकास अधिकारी बनाया जा चुका है.

ऐसे ही नर्स ग्रेड टू को नर्सिंग ऑफिसर और नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर का दर्जा दिया जाना चाहिए. जबकि केंद्र में यह दर्जा मिल चुका है. राजस्थान में करीब 130 से अधिक विधायकों ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है. लेकिन अभी तक सरकार ने नर्सिंग कर्मियों की इस मांग को पूरा नहीं किया है.

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