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Nanakshahi swaanng in Alwar: 150 साल पुरानी परंपरा को निभाने सेठानी को ऊंट पर बैठाकर शहर के भ्रमण पर निकले सेठजी - डेढ़ सौ साल पुराना नानकशाही स्वांग

अलवर में होली के मौके पर डेढ़ सौ साल पुराना नानकशाही स्वांग आज भी जारी है. होली से एक दिन पहले कलाकार सेठ, सेठानी, बाजीगर, साधु, डकैत इत्यादि का स्वांग रच शहर में निकलते हैं.

Nanakshahi Swaanng tradition in Alwar on Holi 2023
150 साल पुरानी परंपरा को निभाने सेठानी को ऊंट पर बैठाकर शहर के भ्रमण पर निकले सेठजी

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Published : Mar 6, 2023, 6:41 PM IST

अलवर. शहर के लोगों पर होली का रंग चढ़ने लगा है. बाजार होली के लिए सज चुके हैं. तो लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. इस बीच सोमवार को डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा के तहत शहर के बाजारों में सेठ और सेठानी का स्वांग निकला. होली पर सेठ, सेठानी, लौहार, बाजीगर, जादूगर, साधु, डकैत आदि का रूप धारण कर लोग बाजारों में निकलते हैं. बाजारों में सेठ ऊंट पर अपनी सेठानी को लेकर घूमता है. इस दौरान ऐसी ठिठोली होती है, जिसका आनंद पूरा शहर लेता है.

होली को लेकर शहरभर में नानकशाही स्वांग निकाला गया. जिसमें सेठ-सेठानी बाजार में बकाया वसूली को निकलते हैं. सेठानी ऊंट पर बैठी शहर की रंगत देखती चल रही थी, तो वहीं सेठजी मुनीम के साथ हाथ में बहीखाता लेकर चलते हैं. होली से एक दिन पहले 150 से अधिक सालों से सेठ-सेठानी का यह स्वांग निकाला जा रहा है. सेठ-सेठानी के स्वांग में इस बार उनकी सखी भी मौजूद रही. राधा-कृष्ण का रूप धरकर आए कलाकारों ने आम लोगों और दुकानदारों पर फूल की बारिश की.

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शहर में जिस रास्ते से सेठ-सेठानी का स्वांग गुजरा, लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई. इस दौरान सेठ ने बाजार में दुकानदारों के पास पहुंच कर उनसे तगादा किया. पहल सेवा संस्थान के तत्वावधान में यह नानकशाही स्वांग निकाला जाता है. शहर के काशीराम चौराहा से यह शुरू होता है व शहर भर में गुजरता है. यह एकमात्र ऐसा स्वांग है जो अलवरवासियों को होली के दिनों की याद दिलाता है.

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नागौर की परंपरा में यह स्वांग निकाला जाता है. होली पर स्वांग निकालने की यह परंपरा आज भी निभाई जा रही है. वेशभूषा, संवाद अदायगी और हाव-भाव की इस परंपरा को और चार चांद लगा देते हैं. स्वांग के दौरान सेठ और मुनीम अपनी उधारी मांगने विभिन्न बाजार में दुकानदारों के पास पहुंचे. जहां मुनीम की ओर से दुकानदारों से दुकान का हिसाब-किताब मांगा गया. समय के साथ कुछ बदलाव भी देखे जा रहे हैं. अब डीजे की धुन पर लोग नाचते गाते दिखाई दिए. तो शहर के लोग गुलाल उड़ाते हुए भी नजर आए.

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