रामगढ़(अलवर).जिले में रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साएं परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया है. साथ ही आरोपी चिकित्सक को लेकर नारेबाजी करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. फिलहाल मंगलवार को पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड अलवर से गठित होगा या स्थानीय स्तर पर, यह प्रशासनिक अधिकारी ही तय करेंगे. इसकी सूचना मिलने पर अलवर से प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.
रामगढ़ सीएचसी में प्रसव के दौरान हुई प्रसूता की मौत इस संबंध में प्रसूता के परिजनों ने रामगढ़ थाने में डॉक्टर समरथ लाल मीणा के खिलाफ रिपोर्ट दी है. प्रसूता की मां बीजवा गांव निवासी मजीदन पत्नी सुमरदीन की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सोमवार को सुबह 10 बजे वे अपनी पुत्री नसीमा को रामगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आई थी और वहां करीब 12 बजे उसने लड़के को जन्म दिया और 15- 20 मिनट बाद ही प्रसूता नसीमा की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर समरथ लाल मीणा ने सही तरीके से इलाज नहीं किया, जिसकी लापरवाही से प्रसूता की मौत हुई है.
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पूर्व सरपंच इसराइल ने बताया कि जब प्रसूता नसीमा की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर ने कोई सुनवाई नहीं की. जब इसकी शिकायत पुलिस को दी तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया. तब तक उसके गांव वाले और ससुराल वाले भी आ गए. यह घटना दोपहर करीब 12 बजे की है. उसके बाद भी पीहर पक्ष और ससुराल वालों ने कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए लिखित में पत्र दिया और कहा कि उन्हें डेड बॉडी सुपुर्द कर दी जाए, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने डेड बॉडी नहीं दी और कहा कि पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार 19 नवंबर को ही डेड बॉडी दी जाएगी.
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वहीं, रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ के के मीणा ने बताया कि सोमवार को बीजवा की एक महिला प्रसव के लिए आई थी और सामान्य प्रसव के बाद महिला अचानक शोक में चली गई और उसके बाद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई. प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और समझाइश की कोशिश की. समझाइश के बाद परिजन मान गए, लेकिन उपखंड अधिकारी और थाना प्रभारी ने बिना पोस्टमार्टम कराए डेड बॉडी देने से इंकार कर दिया और चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.