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अलवर: 165 वर्षों में पहली बार राजगढ़ में नहीं निकलेगी भगवान जगन्नाथ महाराज की रथयात्रा

देश में चल रहे कोरोना काल में सभी सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है. जिसकी वजह से अलवर के राजगढ़ कस्बे में 165 वर्षों में पहली बार जन-जन के आराध्य देव भगवान जगन्नाथ महाराज की रथयात्रा नहीं निकलेगी.

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कोरोना की वजह से नहीं निकलेगी जगन्नाथ महाराज की रथयात्रा

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Published : Jun 23, 2020, 9:29 PM IST

राजगढ़ (अलवर). कोरोना काल में केंद्र और प्रदेश सरकार ने सभी तरह के आयोजनों पर रोक लगाई हुई है. जिसकी वजह से राजगढ़ कस्बे में 165 वर्षों में पहली बार जन-जन के आराध्य देव भगवान जगन्नाथ महाराज की रथयात्रा नहीं निकलेगी.

मंदिर के महंत पूर्ण दास और मदन मोहन शास्त्री ने बताया कि, परंपरा के चलते सारे कार्यक्रम कस्बे के चौपड़ बाजार स्थित जगदीश जी महाराज के मंदिर में आयोजित होंगे. आषाढ़ शुक्ल दोज को सुबह साढ़े 8 बजे दोज पूजन और ठाकुर जी को कंगन डोरा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बांधा गया. इसके अलावा अलौकिक श्रृंगार के दर्शन भी भक्तों ने किए. शाम साढ़े 7 बजे भगवान जगन्नाथ जी महाराज की महा आरती का कार्यक्रम हुआ. वहीं, 26 जून को वरमाला और कन्यादान महोत्सव और 29 जून को भगवान जगन्नाथ महाराज जी जगमोहन से निकलकर पुनः श्री मंदिर में विराजित होंगे. सात दिनों तक भगवान जगन्नाथ जगमोहन में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे.

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राजगढ़ कस्बे में हर साल आषाढ़ शुक्ल दूज को भगवान जगन्नाथ जी रथयात्रा कस्बे के चौपड़ बाजार स्थित जगदीश जी महाराज के मंदिर से निकाली जाती है. भगवान जगन्नाथ महाराज गरुड रूपी विमान में सवार होकर बैंड बाजों के साथ रथयात्रा कस्बे के गंगाबाग पहुंचती है. साथ ही सात दिवसीय लक्खी मेले का आयोजन होता है. मेले में दूर दराज से लोग दुकान लगाने के लिए आते हैं. मेले में आसपास के हजारों लोग शामिल होते हैं. इस दौरान भगवान जगन्नाथ जी महाराज का माता जानकी के साथ विवाह संपन्न होता है. जिसमें सैकड़ों लोग विवाह के साक्षी बनते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते रथ यात्रा और मेला नहीं भरेगा.

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