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Lok adalat in Alwar: शामिल हुए जिले के 20 हजार केस, आबकारी, स्वास्थ्य और खान विभाग के कई मामले विड्रॉ - Rajasthan Hindi news

अलवर सहित देशभर में शनिवार को लोक अदालत का आयोजन हुआ. इस दौरान सरकार ने (Lok adalat in Alwar) आबकारी विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खान विभाग से जुड़े हुए हजारों मामलों को विड्रॉ करने का फैसला लिया है. इससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.

Lok adalat in Alwar
अलवर में लोक अदालत

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Published : May 14, 2022, 5:13 PM IST

अलवर. जिले में शनिवार को लोक अदालत का आयोजन हुआ. इस दौरान जिले के 20 हजार से ज्यादा मामले (Lok adalat in Alwar) शामिल किए गए. लोक अदालत में आबकारी विभाग के मामले सहित पहली बार अपराध करने वाले मामलों में सरकार ने आरोपी को राहत दी. इसके साथ ही मामले का निस्तारण कर दिया. इसके अलावा महामारी अधिनियम के तहत कोरोना काल में बिना मास्क के घूमने वाले, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले और स्वास्थ्य कर्मियों से कहासुनी और हाथापाई करने सहित विभिन्न मामलों में दर्ज सभी मामलों को विड्रॉ कर लिया गया है.

इसके अलावा खान विभाग में एमएमआरडी के तहत जिन मामलों में राशि जमा हो चुकी है, उन मामलों को भी सरकार ने विड्रॉ करने का फैसला किया है. इससे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. न्यायाधीश ने बताया कि इसके अलावा जिन मामलों में आरोपी को एक साल की सजा दी गई थी. उन मामलों को भी सरकार ने वापस ले लिया है. साथ ही 3 साल पुराने मामले सहित कई नियमों के अनुसार भी लोगों को राहत दी गई है. न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत में न्यायालय मामलों के अलावा प्राधिकरण, अधिनियम, रेरा, लारा, रेवेन्यू बोर्ड सहित विभिन्न कैटेगरी के मामलों को रखा गया है.

अलवर में लोक अदालत

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सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपने मामलों का निस्तारण करने के लिए लोक अदालत में पहुंचने लगे. इस दौरान लोगों को समझाइश करने की भी व्यवस्था की गई थी. साथ ही बड़ी संख्या में वकील और प्रशासनिक लोग भी मौजूद रहे. विधिक सेवा प्राधिकरण की न्यायाधीश ने बताया राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोगों को राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं. लोक अदालत के नियमों में कई बदलाव किया गया है. नई श्रेणियों में पहली बार अपराध करने वाले, कम सजा पात्र लोग या ऐसे मामले जो कोरोना काल से पेंडिंग थे, उनको शामिल किया गया है. कोरोना काल में दर्ज सभी एफआईआर को सरकार ने वापस ले लिया है. इसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा, उसे न्यायालय और वकीलों के चक्कर नहीं लगाने होंगे.

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