अलवर.जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मनाया जा रहा पोषण सप्ताह सोमवार को समाप्त हो गया. इस पोषण सप्ताह में जिला प्रशासन की तरफ से गर्भवती महिला और उनके छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पोस्टिक आहार की जानकारियां दी गई. कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म की गई और मंगल गीत भी गाए गए.
बाल विकास विभाग की ओर से मनाया गया 'पोषण सप्ताह' महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक नरेश तंवर ने बताया कि किसी के बच्चे के प्रथम 1000 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. जिसमें 270 दिन गर्भकाल और जन्म के बाद 365 दिन पहली साल के और इसी तरह 1000 दिन तक नवजात शिशू को पर्याप्त पोषण मिलना जरूरी है. जिससे उनका विकास सही ढंग से हो सकता है.
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हमारे देश में कई भ्रांतियों के चक्कर में लोग बच्चों को पोषण नहीं दे पाते हैं. इसलिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया था. हमारे देश में 40 परसेंट बच्चे नाटे पन के शिकार हो रहें हैं. वहीं 35 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हो रहीं हैं. किशोरी बालिका एनीमिया की शिकार है. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह पोषण के बारे में नहीं जानते ही नहीं हैं. ऐसे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक माह का पोषण सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.