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Rajasthan Diwas 2023: राजस्थान दिवस पर अलवर में लोगों ने देखे हथियार, म्यूजियम में मिला निशुल्क प्रवेश

राजस्थान दिवस के मौके पर अलवर म्यूजियम में प्रवेश निशुल्क रखा गया. इस मौके का पर्यटकों ने लुत्फ उठाया और इतिहास से जुड़ी चीजों का अवलोकन किया.

Free entry in Alwar Museum on Rajasthan Diwas 2023
Rajasthan Diwas 2023: राजस्थान दिवस पर अलवर में लोगों ने देखे हथियार, म्यूजियम में मिला निशुल्क प्रवेश

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Published : Mar 30, 2023, 6:14 PM IST

Updated : Mar 30, 2023, 11:49 PM IST

राजस्थान दिवस के मौके पर अलवर म्यूजियम में प्रवेश निशुल्क

अलवर.राजस्थान दिवस अलवर के लोगों के लिए खास रहा. अलवर के लोगों ने राजस्थान दिवस के मौके पर म्यूजियम का आनंद लिया. गुरुवार को सुबह 10 बजे से शाम तक म्यूजियम में प्रवेश निशुल्क रहा. ऐसे में बच्चे, युवा, महिला सभी ने म्यूजियम में रखे हथियार, चांदी की टेबल, साइकिल सहित कई चीजें देखी. म्यूजियम की सैर करके लोग खासे खुश दिखाई दिए.

इसके अलावा जिला प्रशासन की तरफ से राजस्थान दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. पर्यटकों के लिए राजकीय संग्रहालय में प्रवेश निशुल्क रखा गया. जैसे ही संग्रहालय 10 बजे खुला पर्यटक का हजूम उमड़ पड़ा. राजस्थान दिवस पर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पर्यटकों के लिए संग्रहालय में प्रवेश निशुल्क रखा गया. अलवर का संग्रहालय देश के बड़े संग्रहालयों में से एक है. संग्रहालय अध्यक्ष प्रतिभा यादव ने बताया कि सुबह से ही पर्यटक संग्रहालय में आ रहे हैं.

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राजा-महाराजाओं से जुड़ी प्राचीन याद इस संग्रहालय में संग्रहित है. जैसे एक म्यान में दो तलवार, राजा महाराजाओं की ड्रेस, जगन्नाथ जी का मंदिर, महलों के डिजाइन, पुराने हथियार , हस्तलिखित पुस्तकें, चित्रकारी पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं. बाहर से आए पर्यटकों ने बताया कि संग्रहालय में आकर अच्छा लग रहा है और संग्रहालय में राजा- महाराजाओं और अलवर से जुड़ी प्राचीन यादें संग्रहित हैं. उनको देखकर मन रोमांचित हो जाता है. क्योंकि ऐसे समय में इनका संग्रह बहुत जरूरी है और सरकार को भी चाहिए के संग्रहालय में छोटे बच्चों को प्रवेश दिया जाए. ताकि बच्चों में राजस्थान सहित अलवर के इतिहास को समझने में सहायता मिले.

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संग्रहालय में 234 मूर्तियां, 11 शिलालेख, 9702 सिक्के, 2565 पेंटिंग, 2270 हथियार, 35 छात्रों की वस्तुएं 1809 वाद्य यंत्रों के ऑब्जेक्ट शामिल हैं. इसके अलावा हाथीदह और अन्य चीजों से बने हुए सामान मिट्टी के बर्तन, फारसी पांडुलिपि या लघु के अलावा बाबरनामा, अकबरनामा सहित कई ऐतिहासिक चीजें हैं. यहां 16 हजार से अधिक अमूल्य, दुर्लभ, हस्तलिखित ग्रंथ, राजशाही उपयोगी सामान, वस्तु, चित्र, सिक्के, शहीदों से जुड़ा सामान मौजूद है. यहां मौजूद पुस्तकालय की स्थापना महाराजा विनय सिंह ने साल 1847 में करवाई थी. 20 जनवरी, 1909 को पुस्तकशाला और तोशाखाना की ऐतिहासिक और कला सामग्री को नुमाइश खाना की स्थापना की गई थी.

Last Updated : Mar 30, 2023, 11:49 PM IST

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