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आबादी से जंगल ले जाने के दौरान भालू ने वनकर्मी पर किया हमला, घायल को अलवर किया रेफर

सरिस्का के भालू आबादी क्षेत्र में जाने के बाद वनकर्मियों ने उन्हें वापस जंगल भेजने की कार्रवाई की. इस दौरान एक भालू ने वनकर्मी पर हमला कर घायल कर दिया.

forest employee injured in bear attack
आबादी से जंगल ले जाने के दौरान भालू ने वनकर्मी पर किया हमला, घायल को अलवर किया रेफर

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Published : May 6, 2023, 6:04 PM IST

अलवर. माउंट आबू से लाए गए भालू को सरिस्का का जंगल रास नहीं आ रहा है. भालू आबादी की तरफ जा रहे हैं. जंगल ले जाने की मशक्कत के दौरान एक वनकर्मी पर भालू ने हमला कर घायल कर दिया. घायल वनकर्मी को इलाज के लिए अलवर रेफर किया गया है.

दरअसल, माउंट आबू, सिरोही के जंगलों से चार भालू सरिस्का के जंगल में लाए गए. कुछ दिनों तक एंक्लोजर में रखने के बाद भालुओं को जंगल में छोड़ा गया. जंगल में छोड़ने के कुछ दिन बाद भालू आबादी क्षेत्र में पहुंच गए. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नर भालू व मादा भालू को सरिस्का के ताल वृक्ष रेंज में एंक्लोजर में रखा गया. उसके अगले दिन एक भालू के सिग्नल नारायणपुर क्षेत्र में मिले, तो दूसरे के बानसूर एरिया में मिले. इसके बाद सरिस्का की टीम नारायणपुर व बानसूर के लिए रवाना हुई. नारायणपुर क्षेत्र के एक छोटे से गांव के घर में भालू दुबक कर बैठ गया.

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दूसरा भालू कारौली गांव में भैरू सिंह की पहाड़ी के आसपास दिखा. वनकर्मियों ने भालू को घेरने के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली. कई वनकर्मी भालू के पीछे दौड़े. इस दौरान राजेश नाम के वनकर्मी पर भालू ने हमला कर दिया. इसमें वनकर्मी घायल हो गया. भालू ने वनकर्मी के जांघ पर जबड़े से हमला किया. उसके बाद जंगल की तरफ भाग गया. वनकर्मियों ने राजेश को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर उसे अलवर रेफर किया गया. वनकर्मियों ने देर रात भालू को ट्रेंकुलाइज कर वापस सरिस्का के जंगल में छोड़ा.

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भालू लगातार जंगल से आबादी की तरफ जा रहे हैं. ऐसे में साफ है कि भालुओं को सरिस्का का जंगल रास नहीं आ रहा है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 24 घंटे तीन टीमें भालू की मॉनिटरिंग में लगी है. रेडियो कॉलर की मदद से सिग्नल भी चेक करने की प्रक्रिया जारी है. भालू के हमले की बात आस-पास के गांव में फैल गई है. गांव में दहशत का माहौल है। तो वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि परेशान होने की आवश्यकता नहीं है.

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वनकर्मियों को नहीं है अनुभवः सरिस्का में बीते 50 सालों से भालुओं का कुनबा नहीं रहा. ऐसे में भालू की मॉनिटरिंग करने का अनुभव नहीं है. भालू को वापस आबादी से जंगल की तरफ लाने का वनकर्मियों के पास कोई अनुभव नहीं है. साथ ही भालू को दिए जाने वाले भोजन, पानी और उसके देखरेख की पर्याप्त जानकारी नहीं है. इसलिए भालू जंगल से बाहर आबादी की तरफ जा रहे हैं.

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