अलवर. सरिस्का (Sariska Tiger Reserve) व बाला किला बफर जोन (Bala Fort Safari) में सफारी करना अब महंगा हो गया है. पहले रणथंभौर में सफारी करने के लिए जिप्सी और कैंटर की रेट ज्यादा थी. लंबे समय से वाहन चालक रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. ऐसे में वन विभाग ने सरिस्का में भी रेट बढ़ा दी है.
सरिस्का घूमने के लिए साल भर लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. सरिस्का में पर्यटकों को घुमाने के लिए जिप्सी और कैंटर लगे हुए हैं. अभी तक जिप्सी और गाइड फीस प्रत्येक पर्यटक को 114 रुपए देनी पड़ती है लेकिन अब पर्यटकों को 125 रुपए देने होंगे. इसी तरह से कैंटर और गाइड फीस प्रति पर्यटक 39 थी. इस को बढ़ाकर 43 रुपए कर दिया है. वाहन किराया जिप्सी 422 रुपए प्रति पर्यटक था. जिसको बढ़ाकर 485 रुपए प्रति पर्यटक किया गया है. वाहन किराया कैंटर 368 रुपए प्रति पर्यटक था. जिसको बढ़ाकर 400 रुपए किया गया है. इसके अलावा अगर पर्यटक हाफ डे सफारी वाहन किराए पर लेना चाहते हैं तो अभी उनको 3190 रुपए देने पड़ते थे. लेकिन अब उनको 3690 रुपए देने होंगे. इसी तरह से फुल डे सफारी वाहन किराया 5390 रुपए था, जिसको बढ़ाकर 6150 रुपए किया गया है.
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वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रवेश चार्ज अलग से देना पड़ेगा. इसके अलावा भी कुछ शुल्क प्रेरकों को देने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि रणथंभौर में ज्यादा रेट थी. जबकि सरिस्का में सफारी के कम रेट थे. वाहन चालक लंबे समय से सफारी की रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. जिसको देखते हुए वन विभाग ने सफारी की रेट बढ़ा दी है. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि सफारी के रेट बढ़ने से सफारी चालकों को फायदा मिलेगा क्योंकि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. लंबे समय से सफारी के रेट नहीं बड़े थे.
नए सफारी रुट का टीकाराम जूली ने किया उद्घाटन
अलवर के बाला किला बफर जोन में शनिवार को सफारी करने का रूट शुरू हुआ (new Safari Route in Sariska) है. मंत्री टीकाराम जूली ने इसका उद्घाटन किया. इस मौके पर मंत्री ने कहा कि अलवर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. सरिस्का देश विदेश के अन्य सफारी से सुंदर व बेहतर है. यहां के पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम चल रहा है. साथ ही सरिस्का क्षेत्र में जयपुर रोड पर एलिवेटेड रोड बनेगा.