अलवर.दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का काम तेजी से चल रहा है. इसका काम अंतिम चरण में है. मार्च माह में पहले फेज के दौरान रैपिड रेल दौड़ती नजर आएगी. इससे अब देशभर की निगाहें दिल्ली-अलवर रूट पर टिक गई हैं. इस रूट पर यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. अलवर मार्ग से बहरोड़, भिवाड़ी, गुरुग्राम, शाहजहांपुर सहित दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के सभी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे. दिल्ली से अलवर 164 किलोमीटर लंबे ट्रैक के शुरू होने के बाद दिल्ली से अलवर महज 70 मिनट में पहुंच सकेंगे.
रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से एनसीआर के सभी शहरों को आपस में जोड़ा जाना है. दिल्ली-मेरठ रूट का काम तेजी से चल रहा है. 2025 तक इस रूट का काम पूरा हो जाएगा. पहले फेज के तहत रैपिड रेल मार्च माह में शुरू होने की संभावना है. सफल ट्रायल के बाद अब सबकी निगाहें दिल्ली-अलवर रोड पर टिक चुकी है. अलवर मार्ग के लिए दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान सरकार की अनुमति मिल चुकी है. सब कुछ ठीक रहा तो दिल्ली-अलवर रूट का काम भी कुछ ही दिनों में शुरू हो सकता है. यह मार्ग 164 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 18 मुख्य स्टेशन होंगे. जबकि इसी से एक छोटी लाइन और निकलेगी जिस पर 4 स्टेशन होंगे.
अलवर रूट अलग-अलग चरणों में तैयार किया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे में गुरुग्राम से एसएनबी (शाहजहांपु-नीमराना-बेहरोड़) और तीसरे फेज में एसएनबी से अलवर तक लाइन बिछाई जाएगी. पहला फेज 106 किलोमीटर, दूसरा 35 किलोमीटर और चौथा 58 किलोमीटर लंबा होगा. इस बीच कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस मार्ग के शुरू होने से 10 लाख से ज्यादा लोग सफर कर सकेंगे व उनको फायदा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट पर 37000 करोड़ रुपए खर्च होंगे व 2028 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है.