अलवर: जिले में कोरोना का प्रभाव तेजी से अपने पैर पसार रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा जिले में 26 हजार के पार हो चुका है. वहीं अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कोरोना से पहले जहां 4 हजार मरीज OPD में इलाज के लिए आते थे, अब ये संख्या घटकर 2 के करीब हो गई है.
राजीव गांधी सामान्य अस्पताल अलवर जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां कोरोने काल से पहले उपचार के लिए 4 हजार से ज्यादा मरीज हर दिन आते थे. अलवर के अलावा यहां मेवात, दौसा, भरतपुर और हरियाणा तक के लोग इलाज के लिए आते हैं. इसी तरह से अस्पताल के वार्डों में 500 से अधिक मरीज हमेशा भर्ती रहते हैं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल के बाद सबसे ज्यादा मरीज अलवर के सामान्य अस्पताल में रहते हैं.
शुरुआत में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज भी सरकारी अस्पताल में हो रहा था. ऐसे में अन्य बीमारी के मरीज अस्पताल से दूर रहने लगे. इससे बुजुर्ग और अन्य लंबी बीमारियों के मरीजों को खासी दिक्कत हुई. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को कोविड फ्री किया. अस्पताल परिसर से दूर कोरोना की जांच की जाने लगी, साथ ही कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए भी अलग से भवन चिन्हित किया गया, लेकिन सामान्य अस्पताल के ICU में अब भी कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं.
अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी महीने में 58 हजार 886 मरीज ओपीडी में पहुंचे. फरवरी महीने में उनकी संख्या बढ़कर 65 हजार 464 हो गई. मार्च में उनकी संख्या बढ़कर 62 हजार 392 हुई, लेकिन कोरोना के चलते अप्रैल महीने में सामान्य अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या महज 26 हजार 700 रह गई. इस तरह से मई महीने में 32 हजार 372, जून में 37 हजार 932, जुलाई में 48 हजार 700, अगस्त में 35 हजार 973, सितंबर में 47 हज़ार 30, अक्टूबर में 49 हजार 79 व नवंबर में 37 हजार 255 मरीज इलाज के लिए राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे.
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