बारिश के बाद अब मजदूरी ने मारी किसानों पर दोहरी मार अलवर.जिले में बीते दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई. तो खराब फसल को खेत से हटाने में भी किसान के पसीने छूट रहे हैं. किसान पर दोहरी मार पड़ रही है. मजदूरी पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है. ऐसे में किसान सरकार से मदद की गुहार कर रहा है. साथ ही कर्ज माफ करने की भी मांग उठ रही है.
अलवर जिले के राजगढ़, थानागाजी व मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की कटाई कराने में किसानों को पसीने छूट रहे हैं. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों किसान अपनी गेहूं, जौ, चने की फसल को निकालने में लगा हुआ है. बीते दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि से ज्यादातर फसल खराब हो गई. किसान को लाखों का नुकसान हुआ. खराब हुई फसल को खेत से निकालने में भी दोहरी मार पड़ रही है. मजदूरों को दोगुनी मजदूरी देना किसानों की मजबूरी बन रही है.
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आमतौर पर 250 रुपए में मजदूर मिल जाते हैं. लेकिन आसमान से बरसी आफत के बाद जल्दी से शेष बची फसल को निकलवाने के लिए मजदूरी कि दर सातवें आसमान हो गई है. गेहूं कटाई के लिए 500 रुपए मजदूरी के देने पड़ रहे है. किसानों ने सरकार से नुकसान की भरपाई के साथ ही कर्ज माफी की भी मांग की है. जिला प्रशासन ने जिले में हुए ओलावृष्टि में बारिश से नुकसान की गिरदावरी बनाकर सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि किसान को उसके नुकसान का उचित मुआवजा मिलेगा.
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प्याज की फसल में हुआ था नुकसानः इससे पहले प्याज की फसल भी अलवर जिले में खराब हो गई. बारिश व ओलावृष्टि के कारण प्याज की फसल में रोग लग गया था. साथ ही प्याज के दाम इस बार बीते सालों की तुलना में बहुत कम रहे. 4 से 5 रूपए किलो प्याज बिका. ऐसे में किसान का खर्चा भी नहीं निकल पाया. ओलावृष्टि व बारिश से किसान की चने और गेहूं की फसल भी नष्ट हो गई.