राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

शाहाजहांपुर बॉर्डर पर नए साल का आगाज, किसानों ने मशाल जुलूस निकालकर मनाया जश्न - किसान आंदोलन

एक तरफ जब सारी दुनिया नए साल का जश्न मना रही थी, वहीं शहाजहांपुर बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड में डटे किसानों ने भी नए साल का स्वागत मशाल जुलूस निकालकर किया. किसानों ने नए साल का आगाज इस उम्मीद से किया कि नए साल में सरकार को सद्बुद्धि आए और उनके आंदोलन को जल्द समाप्त करने की घोषणा की जाए.

new year at Shahjahanpur border, Alwar news
शाहाजहांपुर बॉर्डर पर नए साल का आगाज

By

Published : Jan 1, 2021, 12:06 PM IST

बहरोड़ (अलवर). राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का महापड़ाव ठंड और ठिठुरन के बावजूद लगातार जारी है. नए साल पर किसानों ने अलाव के सहारे बैठ गिटार की धुन और ढपली की ताल पर आगाज किया. किसानों ने रात 12 बजे तक आलाव तापकर नए साल का जश्न मनाया.

शाहाजहांपुर बॉर्डर पर नए साल का आगाज

किसानों का शाहजहांपुर बॉर्डर पर महापड़ाव ठंड और ठिठुरन के बावजूद लगातार जारी है. नए साल में उनकी समस्या का समाधान की उम्मीद के साथ किसानों ने नए साल का आगाज किया. अलाव के सहारे बैठे लोग ओर गिटार की धुन और ढपली ताल पर किसान आंदोलन के सुर सुनाई देते हैं. रात 12 बजे तक किसान आलाव तापकर नए साल का जश्न मनाते हुए बैठे रहे. इस दौरान स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव भी शहाजहांपुर बॉर्डर पर मौजूद रहे.

गुरुवार को किसान राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा-बॉर्डर की सीमा में कूच कर गए थे. हरियाणा के बावल में सैकड़ों किसान ज्यादा डेरा डाल चुके हैं. जबकि मौजूद किसानों ने रात्रि में नए साल हरियाणा बॉर्डर पर ही मनाया. किसानों ने उम्मीद कि नए साल में सरकार को सद्बुद्धि आए और उनके आंदोलन को जल्द समाप्त करने की घोषणा की जाए.

यह भी पढ़ें.किसान आंदोलन के बीच नए साल का आगाज, राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर योगेंद्र यादव से Exclusive बातचीत

किसानों का कहना है कि सर्दी और ठंड के बावजूद वह पड़ाव देकर पड़े हैं और जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक आंदोलन करते रहेंगे. सरकार 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने पर अड़ी हुई है. इसलिए किसानों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि सर्दी और ठंड के बावजूद वह पड़ाव देकर पड़े हैं और जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक आंदोलन करते रहेंगे, सरकार 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने पर अड़ी हुई है. इसलिए किसानों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है

ABOUT THE AUTHOR

...view details