अलवर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार चरम पर है. भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अलवर में बीजेपी ने बाबा पर तो कांग्रेस ने राजा पर दांव खेला है. जिसके चलते यहां चुनाव प्रचार रोमांचक मोड़ पर है. वहीं भाजपा प्रत्याशी बाबा बालक नाथ ने कहा है कि आगामी 23 मई को सभी लोग दिवाली के तौर पर मनाएंगे.
भाजपा प्रत्याशी बाबा बालकनाथ के खास बातचीत राजस्थान में कांग्रेस ने अलवर सीट से कांग्रेस ने भंवर जितेंद्र सिंह को टिकट दिया है. वहीं भाजपा ने रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालक नाथ को मौका दिया है. बाबा पहली बार चुनावी मैदान में हैं. माना जा रहा है कि राजनीति में बाबा ने यह कदम अपने आध्यात्मिक गुरू मस्तनाथ की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए उठाया है. बुधवार को बाबा बालकनाथ ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने चुनाव से जुड़े अपने अनुभव साझा किए हैं.
भाजपा प्रत्याशी बाबा बालक नाथ ने कहा कि देश में उत्सव जैसा माहौल है. सभी लोग 23 तारीख को दिवाली के तौर पर मनाएंगे। सभी को 23 मई का इंतजार है. देश ने पहले ही मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की ठान ली है. उन्होंने कहा कि संत का काम सेवा करना, प्रकृति और राष्ट्र को बचाना है. इसलिए राजनीति सबसे बेहतर प्लेटफार्म है. लोकसभा का चुनाव देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है. इसके माध्यम से देश के लिए कार्य करने का मौका मिलता है.
बालक नाथ ने कहा कि जो लोग मन से देश सेवा करना करना चाहते हैं उन्हें राजनीति में आना चाहिए. क्योंकि यह एक बेहतर प्लेटफार्म है. उन्होंने कहा अलवर में पानी की भारी समस्या है. जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आए दिन इस समस्या से दो चार होना पड़ता है. इसके समाधान की आवश्यकता है. इसके अलावा अलवर में विश्वविद्यालय के हालात खराब हैं. मत्स्य विश्वविद्यालय को बेहतर करने के लिए इस पर काम किया जाना आवश्यक है. वहीं एमआईए में 800 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है. उस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ये सभी समस्याएं सीधे आम आदमी से जुड़ी हैं.
वहीं बातचीत के दौरान बाबा बालक नाथ ने कहा कि में देश के एक बड़े मठ का महंत हूं. मैंने मठ के लिए जो काम किए उसका मुझे फल मिला है. बाबा ने कहा कि मैं अलवर के लिए भी वैसे ही काम करूंगा. उन्होंने कहा कि अलवर संतों की भूमि है. यहां महाराजा भरतरी सहित कई बड़े संत हुए हैं. जिन्होंने यहां आकर तपस्या की व यही समाधि ली है. ऐसे में इस जगह पर अपार संभावनाएं हैं. अलवर पर्यटन के हिसाब से हब है. इसलिए अलवर में खासी विकास की जरूरतें हैं. जिसको ध्यान में रखकर यहां विकास की आवश्यकता है.